*जिंदगी के एक एक पल*

 


जिंदगी के एक एक पल, होते बहुत अनमोल

संजोए रखो इसको छुट, कभी हाथ से न जाए


गुनगुनाओ नग्में कभी, खामोश हो न जाओ

सफर हो लंबा जितना, मंजिल न दूर जाए


नफ़रत करने वाले, नफ़रत ही करते जाएं

हम प्यार हैं लुटाते, लुटाते प्यार ही हम जाएं


कभी थककर आसमां भी, उतर जमीं पे आए

खुशियों से अपना दामन, क्यूं न भरते जाएं


कभी शाम हो सिंदूरी, सुनहरी भोर चाहे आए

अतीत की वो यादें, परछाइयां बनकर आए


हताश कभी न होना, दिल धड़का के क्यूं न जाए

हंसते हुए हम क्यूं न, आगे को बढ़ते जाएं ।।


पूनम झा✍️

साभार-विश्व हिंदी संस्थान, कनाडा




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