जानिए कब है कालाष्टमी व्रत? रोग, दोष, भय सब दूर करते हैं काल भैरव


वैशाख माह का कालाष्टमी व्रत आने वाला है. हर माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी व्रत रखा जाता है और रुद्रावतार काल भैरव की पूजा अर्चना की जाती है. काल भैरव भगवान शिव के पांचवे अवतार हैं. भगवान भोलेनाथ के क्रोध स्वरूप काल भैरव की उत्पत्ति हुई थी. उन्होंने माता सती के पिता एवं राजा दक्ष प्रजापति को दंड देने के लिए यह अवतार लिया था. भगवान काल भैरव की आराधना करने से रोग, दोष, भय आदि का नाश होता है. जिन पर काल भैरव की कृपा होती है, उनको अकाल मृत्यु का भी भय नहीं होता है. आइए जानते हैं कालाष्टमी व्रत की तिथि, पूजा मुहूर्त आदि के बारे में.

पूजा का शुभ मुहूर्त :-

इस दिन साध्य योग देर रात 01 बजकर 31 मिनट तक रहेगा, उसके बाद से शुभ योग शुरु होगा. कालाष्टमी वाले दिन त्रिपुष्कर योग और सर्वार्थ सिद्धि योग का सुंदर संयोग बना हुआ है. इस दिन पूजा करने से आपकी मनोकामनाएं पूरी होंगी और कार्यों में सफलता भी प्राप्त होगी.

23 अप्रैल को सर्वार्थ सिद्धि योग शाम 06 बजकर 54 मिनट से लग रहा है, जो अगले दिन 24 अप्रैल को प्रात: 05 बजकर 47 मिनट तक रहेगा. इस दिन त्रिपुष्कर योग सुबह 05 बजकर 48 मिनट से प्रारंभ होकर अगले दिन 24 अप्रैल को प्रात: 06 बजकर 27 मिनट तक रहेगा.

ऐसे में कालाष्टमी व्रत वाले दिन आप सुबह से लेकर रात के मुहूर्त में पूजा कर सकते हैं. इस दिन का अभिजित मुहूर्त 11 बजकर 54 मिनट से दोपहर 12 बजकर 46 मिनट तक रहेगा. इस समय में आप कोई भी नया या शुभ कार्य प्रारंभ कर सकते हैं, हालांकि सर्वार्थ सिद्धि योग का समय उत्तम है.

Disclaimer : इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. इन पर अमल करने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें

साभार-news18




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