**आहट तीसरे युद्ध की**

 



युद्ध तीसरे की आहट से वर्तमान घबराया है ।

भूतकाल के अनुभव से क्या सीख विश्व ले पाया है ।।


दो देशों का युद्ध विकट संहार धरा पर जारी है ।

ताइवान, तिब्बत, पीओके सुलग रही चिंगारी है ।

बारूदी हथियारों का धरती पर नर्तन दिखता है ।

एक पक्ष को अमरीका से खुला समर्थन दिखता है ।

राख हुआ यूक्रेन युद्ध में जर्जर दिखती काया है ।।

भूतकाल के अनुभव से क्या सीख विश्व ले पाया है ।। 1


युद्ध पोत तक सुलग रहे हैं धूँ धूँ जलते टैंक खड़े ।

बख्तर बंद गाड़ियों के भी सड़कों पर अंबार पड़े ।

श्रृंग छोड़ धरती पर आया रूस कहाँ को जाए अब।

पूरी दुनिया के दादा से कैसे लाज बचाये अब ।

नाटो देशों के गुट वाला किला रूस ने ढाया है ।

भूत काल के अनुभव से क्या सीख विश्व ले पाया है ।। 2


दहसत नहीं मुझे कहने में बहुत बुरा है अमरीका।

दुनिया में आतंकवाद का मुख्य धुरा है अमरीका ।

वियतनाम, ईराक सरीखे देश गटक कर बैठा है ।

और सीरिया, अफगानों का चैन सटक कर बैठा है ।

बार बार ईरान मुल्क को भी इसने धमकाया है ।।

भूतकाल के अनुभव से क्या सीख विश्व ले पाया है ।। 3


जिनको समाधान होना था घटक युद्ध में बने हुए ।

नाटो वाले देश सभी तो दादा बनकर तने हुए ।

चीन पाक गठजोड़ दिखाती है झगड़े की तैयारी ।

भारत इनका बाप युद्ध में दोनों पर होगा भारी । 

"हलधर" का भारत दुनिया में शांति दूत बन छाया है ।।

भूतकाल के अनुभव से क्या सीख विश्व ले पाया है ।।


जसबीर सिंह "हलधर"

मो0-9887346173

साभार-विश्व हिंदी संस्थान, कनाडा



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