हम ना पा सके तुझको मुद्दतो चाहने के बाद !!
किसी गैर ने तुझे अपना बना लिया चंद रस्में निभाने के बाद !!
मेरे सज़दों में कोई कमी तो न थी ऐ खुदा !!
क्या मुझसे भी ज्यादा किसी और ने चाहा था उसे !!
लिख दे मेरा अगला जन्म भी उसके नाम पर ए खुदा!!
इस जन्म में हमारा इश्क थोड़ा कम पड़ गया !!
तुझसे दूर जाने का कोई इरादा ना था !!
पर रुकते आखिर कैसे जब तू ही हमारा ना था !!
वो तो अपनी एक आदत को भी ना बदल सका !!
जाने क्यूँ मैंने उसके लिए अपनी जिंदगी बदल डाली !!
चल तुझे दिखा दूं अपने दिल की वीरान गलीयां !!
शायद तुझे तरस आ जाऐ मेरी उदास ज़िंदगी पर !!
पता तो हमे भी हैं कि तुझे कोई फिकर नही मेरी !!
फिर भी गलतफहमियों मे जिने की आदत हैं मेरी !!
जानते हो आज भी ये सोचती हूँ कि !!
तुम कहोगे तुम अपना ख्याल रखा करो !!
और ये सोचते ही खुद को सवारने लगती हुँ !!
आईने के समने खड़ी होकर बे वजह मुसकुराने लगती हुँ !!
मीना सिंह राठौर✍️
नोएडा, उत्तर प्रदेश।
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