चाणक्य नीति : घर में आने वाले आर्थिक संकट के ये हैं 5 संकेत, हो जाएं सावधान


खुशहाल जिंदगी के लिए आचार्य चाणक्य ने कई नीतियां बताई हैं। अगर आप भी अपनी जिंदगी में सुख और शांति चाहते हैं तो चाणक्य के इन सुविचारों को अपने जीवन में जरूर उतारिए।

आचार्य चाणक्य की नीतियां और विचार भले ही आपको थोड़े कठोर लगे लेकिन ये कठोरता ही जीवन की सच्चाई है। हम लोग भागदौड़ भरी जिंदगी में इन विचारों को भले ही नजरअंदाज कर दें लेकिन ये वचन जीवन की हर कसौटी पर आपकी मदद करेंगे। आचार्य चाणक्य के इन्हीं विचारों में से आज हम एक और विचार का विश्लेषण करेंगे। आज के विचार में आचार्य चाणक्य ने घर में आने वाले आर्थिक संकट के 5 संकेत बताए हैं।

'तुलसी के पौधे का सूख जाना, घर में क्लेश होना, शीशे का बार-बार टूटना, पूजा पाठ ना करना और बड़े बुजुर्गों का तिरस्कार करना घर में आने वाले आर्थिक संकट के 5 संकेत हैं।' आचार्य चाणक्य 

आचार्य चाणक्य के इस कथन का अर्थ है कि जिस घर में ये संकेत दिखे तो समझ लेना कि उस घर में आर्थिक संकट आने वाला है। ये संकेत हैं- तुलसी के पौधे का सूख जाना, घर में क्लेश होना, शीशे का बार बार टूटना, पूजा पाठ ना करना और बड़े बुजुर्गों का तिरस्कार करना। हम आपको इन सभी संकेतों के बारे में एक-एक करके बताएंगे।

पहला- तुलसी के पौधे का सूख जाना। तुलसी का पौधा हर एक घर में होता है। हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे की पूजा अर्चना की जाती है और उसे शुभ माना जाता है। ऐसे में आचार्य चाणक्य का कहना है कि अगर किसी व्यक्ति के घर में तुलसी का पौधा एकाएक सूख रहा है तो ये आने वाले आर्थिक संकट का एक संकेत है।

दूसरा- घर में क्लेश होना। ये तो आपने सुना होगा कि जब एक साथ कई बर्तन होते हैं तो उनमें आवाज जरूर होती है। इसका मतलब है कि अगर घर में कई लोग हैं तो उनके बीच विचारों का मतभेद हो सकता है। लेकिन अगर उनके बीच मन-भेद हो गया तो उस घर में हमेशा झगड़ा होता रहेगा। अगर किसी के घर में हमेशा क्लेश हो रहा है तो वो भी आने वाले आर्थिक संकट का संकेत है।

तीसरा- शीशे का बार-बार टूटना। आचार्य चाणक्य का कहना है कि कांच का बार-बार टूटना भी आर्थिक संकट का संकेत है। ये धन हानि को दर्शाता है। इसके साथ ही ये घर में आने वाली दरिद्रता का एक संकेत है।

चौथा- पूजा पाठ का ना होना। जिस घर में पूजा पाठ नहीं होता है वहां पर सुख और समृद्धि का वास नहीं होता है। वहां पर लोगों के बीच में प्यार कम हो जाता है और मतभेद ज्यादा हो जाता है। ये भी आने वाले आर्थिक संकट का एक संकेत है।

पांचवां- बड़े-बुजुर्गों का तिरस्कार करना। बड़े बुजुर्गों का हमेशा सम्मान करना चाहिए। अगर आप उनका सम्मान नहीं करेंगे तो उनके दिल को चोट पहुंचेगी। उनके साथ इस तरह का व्यवहार करने वाला व्यक्ति जीवन में कभी भी खुश नहीं रह सकता। अगर किसी के घर में इस तरह का व्यवहार होता है तो उसके घर में सुख और समृद्धि का वास नहीं होता। इस तरह से ये भी आर्थिक संकट का एक संकेत है।



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