जानिए योगी के खास अफसर अखिलेश से क्यों मिल रहे?, अयोध्या में डीएम ने बोर्ड क्या बदला, लखनऊ में अखिलेश से मिलने के लिए अफसरों की लग रही कतार


यूपी विधानसभा चुनाव आखिरी छोर तक पहुंच चुका है। सिर्फ एक चरण की वोटिंग बची है। सरकार किसकी बन रही है? इसका तो अभी इंतजार है, लेकिन नौकरशाही में हलचल मच चुकी है। ताजा उदाहरण अयोध्या के डीएम आवास के बोर्ड के बदलते रंगों से ही ले सकते हैं। रामनगरी से चली बयार से लखनऊ अछूता कैसे रह सकता है।

बड़े ब्यूरोक्रेट्स अखिलेश से मुलाकात की कोशिशें कर रहे हैं। कुछ पुराने रिश्ते याद दिलाना चाहते हैं, तो कोई नए रिश्ते की नींव रखना चाहता है। ये दृश्य इसलिए भी दिखने लगे हैं क्योंकि ये ब्यूरोक्रेट्स सियासत के मौसम को बखूबी समझते हैं।

रोचक तथ्य ये है कि कल तक जो सीएम योगी के सबसे करीबी अधिकारियों में शामिल थे। वह अब अखिलेश यादव से एक मुलाकात करके लिए जुगत भिड़ा रहे हैं। कोई सीधे फोन करके बात कर रहा है। कोई सहयोगी के जरिए अखिलेश तक पहुंचना चाहता है।

ब्यूरोक्रेट्स, इतनी परेशान तब उठा रहें हैं। जब यूपी की सत्ता पर कौन बैठ रहा है, यही तय नहीं है। सपा सूत्रों का दावा है कि पुलिस और प्रशासन के कई बड़े अफसर अब तक मुलाकात कर भी चुके हैं।

अब आपको बताते हैं कि अखिलेश से मिलने वालों की कतार में आखिर कौन-कौन है...?

सपा के बड़े नेता का दावा है कि योगी सरकार में कई महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी संभालने वाले एक सीनियर आईएएस अफसर अखिलेश से बात करने की कोशिश कर रहे हैं। ये भी अंदरखाने चल रहा है कि अखिलेश फिलहाल उनसे मिलना नहीं चाहते हैं।

दूसरी तरफ सपा नेताओं का दावा है कि पुलिस महकमे के भी कई अफसरों से अखिलेश की मुलाकात हो चुकी है। कुछ खास इश्यू पर उनकी चर्चाएं हुईं हैं। इसके साथ ही अखिलेश सरकार में बड़ी जिम्मेदारी संभालने वाली महिला आईएएस भी सपा सुप्रीमो के संपर्क में हैं।

अब जो चर्चाएं चल रही हैं, उसके मुताबिक अखिलेश सरकार में पंचम तल पर रहने वाले अधिकारियों को लगता है कि वो दोबारा सीएम बन सकते हैं। इसलिए अभी से अपनी कुर्सी पक्की कर लेना चाहते हैं।

पूर्व मुख्य सचिव आलोक रंजन से लगा रहें हैं सिफारिश

खबर ये भी है कि कुछ अधिकारी अखिलेश सरकार में मुख्य सचिव रहे सीनियर आईएएस आलोक रंजन के जरिए अखिलेश खेमे में अपनी पैठ बनाने की कोशिश में लगे हैं। आलोक रंजन फिलहाल अखिलेश यादव के बेहद करीबी हैं और माना जा रहा है कि अगर सपा की सरकार बनती है, तो उन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जाएगी।

डीएम आवास के बोर्ड के 'बदलते रंग' की कहानी

अयोध्या के डीएम आवास के बोर्ड का रंग बुधवार को बदल दिया गया। पहले भगवा था, जिसे बाद में हरा किया गया। इसको लेकर तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गईं। इन चर्चाओं में लोगों ने सवाल खड़ा करना शुरू कर दिया है कि क्या उत्तर प्रदेश में एक बार फिर सत्ता परिवर्तन होने जा रहा है? यूपी में भगवा से भाजपा तो हरा रंग को सपा से जोड़ा जाता है। हालांकि, गुरुवार को एक बार फिर डीएम के बोर्ड का रंग हरा से लाल कर दिया गया है।

यूपी में रंगों की राजनीति

सियासत में रंगों का अपना अलग ही महत्व होता है। 2017 में उत्तर-प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के साथ ही रंग बदलने लगे। सरकारी बिल्डिंग से लेकर मंत्रियों के आवास का रंग भी बदला। रंगों में बदलाव कुर्सियों और उन पर सजने वाले तौलिया तक में दिखाई दिया।

सड़क से लेकर चौक-चौराहों पर लगे बोर्ड तक सब कुछ जैसे भगवा मय हो गया। यूपी में योगी सरकार बनने के बाद DM आवास के बोर्ड का रंग भगवा किया गया था। अयोध्या और वाराणसी में कई सारे भवनों को भगवा रंग दिया गया। लेकिन चुनाव के आखिरी पड़ाव में डीएम के बोर्ड के बदलते रंग ने सियासी सरगर्मी बढ़ा दी है। लोगों का तो यहां तक कहना है कि कई अधिकारी भी सियासत के मौसम वैज्ञानिक होते हैं।

साभार-दैनिक भास्कर



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