'कोरोना तो रहेगा, लेकिन अब महामारी का अंत करीब है', रिसर्च में मिली राहत भरी खबर


नई दिल्ली, 21 जनवरी। कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन की वजह से आई महामारी की नई लहर ने दुनिया के कई देशों में कोहराम मचाया हुआ है। भारत में भी कोरोना वायरस के दैनिक मामले लगातार बढ़ रहे हैं और शुक्रवार को 3.47 लाख नए मरीज रिकॉर्ड किए गए। इस बीच कोरोना वायरस महामारी को लेकर एक राहत भरी खबर आई है। मेडिकल जर्नल 'द लैंसेट' की एक नई रिसर्च में बताया गया है कि कोरोना वायरस का संक्रमण जारी रहेगा, लेकिन अब महामारी का अंत होने वाला है। रिसर्च में दावा किया गया है कि, ओमिक्रॉन वेरिएंट की वजह से आई इस लहर के बाद कोरोना वायरस तो लौटेगा, लेकिन महामारी वापस नहीं आएगी।

'बार-बार होने वाली बीमारी बन जाएगा कोरोना'  

'द लैंसेट' की नई रिसर्च के मुताबिक, 'ओमिक्रॉन की लहर के बाद कोरोना वायरस बार-बार होने वाली एक और बीमारी की तरह बन जाएगा, जिसे हमारे हेल्थ सिस्टम को मैनेज करना पड़ेगा। हालांकि, कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए सरकारें और हेल्थ सिस्टम फिलहाल जो असाधारण उपाय अपना रहे हैं, उनका युग खत्म हो जाएगा। वैक्सीनेशन या फिर संक्रमण की वजह से बनी प्राकृतिक इम्यूनिटी कोरोना वायरस को कंट्रोल करने में मदद करेगी। सर्दियों के मौसम में कुछ देशों में संक्रमण के मामले बढ़ सकते हैं।'

'स्वास्थ्य पर ज्यादा असर नहीं डाल पाएगा कोरोना'

रिसर्च में आगे बताया गया है, 'भविष्य में कोरोना वायरस मौजूद तो रहेगा, लेकिन इसका प्रभाव काफी कम हो जाएगा। चूंकि, बहुत बड़ी संख्या में लोग इस वायरस से संक्रमित हो चुके हैं, इसलिए आने वाले समय में कोरोना वायरस स्वास्थ्य पर ज्यादा असर नहीं डाल पाएगा। इसके अलावा नए वेरिएंट को देखते हुए लगातार होने वाला वैक्सीनेशन, एंटीवायरल दवाएं और लोगों के बीच इस बात की जागरुकता, कि वायरस के संक्रमण को सोशल डिस्टेंसिंग और हाई क्वालिटी के मास्क के जरिए रोका जा सकता है, से भी महामारी की किसी नई लहर को रोकने में मदद मिलेगी।'

'कोरोना को लेकर रणनीति में बदलाव करना होगा'

'द लैंसेट' की रिसर्च के मुताबिक, 'ओमिक्रॉन वेरिएंट का पीक अभी उन देशों, जैसे-पूर्वी यूरोप और दक्षिण पूर्व एशिया में आना बाकी है, जहां अब तक यह वेरिएंट नहीं पहुंचा है। ओमिक्रॉन वेरिएंट और इसकी संक्रामकता को देखते हुए हमें कोरोना वायरस को नियंत्रण करने संबंधी रणनीति में बदलाव करना होगा। जिस रफ्तार से ओमिक्रॉन का संक्रमण फैलता है, उसमें कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग जैसी कोशिश कारगर साबित नहीं होती।

साभार-oneindia hindi




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