चाणक्य नीति अनुसार ऐसे लोगों से हमेशा रहना चाहिए सतर्क, बन सकते हैं बर्बादी का कारण


कौटिल्य के नाम से प्रसिद्ध आचार्य चाणक्य एक महान रणनीतिकार थे। अपनी बुद्धिमानी और चतुर नीतियों के बल पर ही उन्होंने चंद्र गुप्त मौर्य के सम्राट बनने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। चाणक्य जी ने एक नीति शास्त्र की रचना भी की थी, हजारों वर्ष पूर्व रचित इस नीति शास्त्र में समाज कल्याण से जुड़ी लगभग सभी चीजों को लेकर नीतियां सुझाई गई हैं। चाणक्य जी की नीतियां आज के समय में भी काफी प्रासंगिक मानी जाती हैं। यह सुनने में भले ही कठिन क्यों ना लगें, हालांकि इन नीतियों का अनुसरण करने वाला व्यक्ति अपनी जिंदगी में सफलता जरूर प्राप्त करता है।

आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में कुछ लोगों से हमेशा सावधान रहने की बात कही है। जो लोग मुंह पर आपकी बड़ाई करते हैं और पीठ पीछे आपकी बुराई करते हैं, ऐसे लोगों से हमेशा सावधान रहना चाहिए, क्योंकि ऐसे लोग आपकी जिंदगी को भी पूरी तरह से बर्बाद कर सकते हैं।

आचार्य चाणक्य ने श्लोक के माध्यम से कहा है-

परोक्षे कार्य्यहन्तारं प्रत्यक्षे प्रियवादिनम्।

वर्ज्जयेत्तादृशं मित्रं विषकुम्भम्पयोमुखम् ।।

अपने इस श्लोक के माध्यम से आचार्य चाणक्य कहते हैं की मनुष्य को हमेशा ऐसे लोगों से संभलकर रहना चाहिए, जो आपके मुंह पर तो मीठी बातें करते हैं, लेकिन पीठ पीछे वह केवल आपकी बुराई ही करते हैं और आपके खिलाफ साजिश करते हैं। चाणक्य जी का मानना है की ऐसे लोग जहर से भरे घड़े के समान होते हैं, जिसकी उपरी सतह पर दूध भरा होता है और अंदर केवल जहर ही जहर।

चाणक्य जी मानते हैं की ऐसे लोग मौका पाते ही आपको नुकसान पहुंचा सकते हैं। यह समाज में आपकी छवि को खराब कर सकते हैं या फिर आपको आर्थिक नुकसान पहुंचा सकते हैं। आचार्य चाणक्य का मानना है की ऐसे लोग हमेशा अपनी योजनाओं को सफल बनाने के प्रयास में जुटे रहते हैं। इसलिए भूलकर भी इनका विश्वास नहीं करना चाहिए।

प्रसिद्ध कूटनीतिज्ञ आचार्य चाणक्य मानते हैं की ऐसे लोग बेहद ही स्वार्थी होते हैं और यह अपने स्वार्थ को साधने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। इसलिए ऐसे लोगों की अगर आपको पहचान हो जाए तो तुरंत इनसे दूरी बना लें।




Post a Comment

0 Comments