बलिया। राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय में मंगलवार को राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस एवं धनवंतरी जयंती समारोह में मा0 राज्यमंत्री आनंद स्वरूप शुक्ला द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। उन्होंने ने कहा कि राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस हर साल धनतेरस के दिन मनाया जाता है। भगवान धन्वंतरी को आयुर्वेद और आरोग्य का देवता माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार भगवान धन्वंतरि की उत्पत्ति समुद्र मंथन से हुई थी। ऐसे में आयुर्वेद के देवता कहे जाने वाले भगवान धन्वंतरी के जन्मदिन यानी धनतेरस के दिन राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस मनाया जाता है। आयुर्वेद ऐतिहासिक जड़ों के साथ चिकित्सा की सबसे प्राचीन और प्रलेखित प्रणाली में से एक है। आयुर्वेद रोग और स्वास्थ्य को बढ़ावा देने को रोकने के उद्देश्य से दुनिया भर में लोकप्रिय है।
इस अवसर पर युवा चिकित्सकों द्वारा संभाषण प्रतियोगिता आयोजित की गई। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण बीएचयू के प्रख्यात क्षारसूत्र विशेषज्ञ प्रोफेसर मनोरंजन साहू एवं संज्ञा हरण विशेषज्ञ प्रोफेसर डीएन पांडे जी रहे प्रोफेसर साहू जी ने कॉम्प्लिकेटेड फिस्टुला विषय पर स्लाइड के द्वारा विस्तृत जानकारी दी। प्रोफेसर डीएन पांडेय जी द्वारा शल्य कक्ष में इमरजेंसी स्थिति में किया जाने वाली सीसीपीआर का प्रदर्शन कर विस्तृत उद्बोधन किया गया।
कार्यक्रम में डॉक्टर अमिता सिंह पूर्व सीएमएस एवं जिला विकास अधिकारी राजित राम मिश्र द्वारा ज्ञानवर्धक विचार रखा गया। जनपद के आयुर्वेद चिकित्सकों द्वारा उल्लेखनीय योगदान के लिए डॉ रश्मि राय सिकंदरपुर, डॉक्टर ओपी साहनी हल्दी, अश्वनी कुमार सिंह, एसपी गुप्ता, वैद्य विनोद प्रजापति मधुबनी को सम्मानित किया गया। पूर्व में कार्यरत रहे अनेक चिकित्सा अधिकारी एवं डीओ को स्मृति चिन्ह व अंगवस्त्रम देकर सम्मानित किया गया। मा0 मंत्री जी ने तीन डॉक्टरों को प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय को पुरस्कार से सम्मानित किया गया। क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डॉ राघवेंद्र बी नारायण राय के मार्गदर्शन में हुए। जिसमें सेवानिवृत्त डॉ एसके उपाध्याय को पुष्प का गुच्छ देकर सम्मानित किया गया। इस कार्यक्रम में डॉ सुभाष चंद्र यादव धर्मेंद्र, विजेंद्र कुशवाहा एवं कार्यालय के श्रीप्रकाश शर्मा का विशेष सहयोग रहा।
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