यूपी में अब माह में दो बार फ्री मिलेगा राशन : 15 करोड़ लोगों को मिलेगा अब मुफ्त अन्न योजना का दोहरा लाभ


इस योजना में मुफ्त में राशन मिलेगा तो वहीं सीएम योगी आदित्यनाथ नियमित राशन को होली तक मुफ्त में  बांटने का एलान कर चुके हैं। ऐसे में अब यहां के राशन कार्ड धारकों को माह में दो बार न केवल मुफ्त में गेहूं और चावल मिलेगा बल्कि दाल, खाद्य तेल और नमक भी मुफ्त मिलेगा।

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को मार्च 2022 तक बढ़ा दिए जाने से उप्र के लगभग 15 करोड़ लोगों को इसका दोहरा लाभ मिलेगा। जहां इस योजना में मुफ्त में राशन मिलेगा तो वहीं सीएम योगी आदित्यनाथ नियमित राशन को होली तक मुफ्त में बांटने का एलान कर चुके हैं। ऐसे में अब यहां के राशन कार्ड धारकों को माह में दो बार न केवल मुफ्त में गेहूं और चावल मिलेगा बल्कि दाल, खाद्य तेल और नमक भी मुफ्त मिलेगा।

कोरोना महामारी केचलते शुरू की गई प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना नवंबर में समाप्त हो रही थी। इस योजना में सभी राशन कार्डधारकों को मुफ्त में राशन दिया जा रहा था। इस योजना के समाप्त होने पर योगी सरकार ने अपने स्तर पर मुफ्त राशन बांटने का निर्णय लिया। तीन नवंबर को सीएम योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में घोषणा की थी कि अब राज्य सरकार की ओर से यह सुविधा दी जाएगी। इसमें होली तक यानि दिसंबर, जनवरी, फरवरी और मार्च 2022 तक अब अंत्योदय कार्ड धारक को 35 किलो गेहूं और चावल तो मुफ्त मिलेगा ही, साथ में दाल, खाद्य तेल और नमक भी मुफ्त दिया जाएगा। पात्र गृहस्थी कार्डधारक को भी प्रतिव्यक्ति पांच किलो गेहूं एवं चावल के साथ एक किलो अरहर की दाल, चना, एक लीटर खाद्य तेल, एक किलो नमक मुफ्त में दिया जाएगा। पहले केवल गेहूं, चावल तक ही योजना सीमित थी।

माह में दो बार मिलता है राशन :

प्रदेश में अमूमन दो बार राशन की दुकानों पर राशन बंटता रहा है। एक बार प्रधानमंत्री गरीब अन्न कल्याण योजना में बिल्कुल मुफ्त तो दूसरी बार प्रदेश सरकार की ओर से नियमित वितरण जिसमें दो रुपये प्रति किलो गेहूं तथा तीन रुपये प्रति किलो चावल का भुगतान करना पड़ता था। यूपी सरकार दिसंबर माह से इसे भी फ्री कर दिया है। यानि अब दोनों योजना में फ्री राशन मिलेगा। चूंकि सीएम की घोषणा के बाद इस प्रस्ताव को यूपी कैबिनेट से भी बाईसर्कुलेशन के जरिए मंजूरी मिल चुकी है तो दिसंबर से ही इसके वितरण की तैयारी की जा रही है। यदि इस निर्णय को वापस ले जाना होगा तो कैबिनेट में ही ले जाना होगा।

साभार- अमर उजाला







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