बलिया : कृषि यन्त्रो/कस्टम हायरिग सेन्टर आनलाईन टोकन जनरेट/प्री बुकिग कराये


बलिया। सब मिशन आन एग्रीकल्चरल मैकेनाइजेशन, नेशनल फूड सिक्योरिटी मिशन, योजनांतर्गत जनपद हेतु थ्रेसिग फ्लोर, स्माल गोदाम, कस्टम हायरिग सेन्टर एंव विभिन्न कृषि यन्त्र इत्यादि का लक्ष्य प्राप्त है। इस योजना का लाभ प्राप्त करने हेतु कृषि विभाग के वेबसाईड-www.upagriculture.com पर आन लाईन किसान पंजीकरण होना अनिवार्य है एंव विभागीय पोर्टल पर “यन्त्र पर अनुदान हेतु टोकन निकाले“, लिकं पर क्लिक कर के आॅनलाईन टोकन जनरेट/प्री बुकिग कर सकते है। आन लाईन टोकन जनरेट करने के उपरान्त प्राप्त चालान के माध्यम से निर्धारित समय के अन्तर्गत नजदीकी यूनियन बैकं के किसी भी शाखा मे निर्धारित जमानत धनराशि जमा करनी होगी। चालान रसीद पोर्टल पर अपलोड नही किया जाना है, बल्कि यन्त्र क्रय करने के पश्चात पोर्टल पर बिल अपलोड करना है। रुपये दस हजार तक के अनुदान वाले कृषि यन्त्रो हेतु जमानत धनराशि शून्य। रुपये दस हजार से अधिक तथा एक लाख तक के अनुदान वाले कृषि यन्त्र हेतु रुपये 2500 रूपये एक लाख से अधिक अनुदान वाले कृषि यन्त्रो/कस्टम हायरिग सेन्टर हेतु रूपये पांच हजार, कृषि यन्त्रो पर देय अनुदान थ्रेसिग फ्लोर, स्माल गोदाम, कृषि यन्त्र लेने पर मूल्य 50 रुपये तक अनुदान तथा कस्टम हायरिग सेन्टर पर 40 तक अनुदान। कस्टम हायरिग सेन्टर की स्थापना हेतु ग्रामीण उद्यमी (कृषक उद्यमी एंव युवा उद्यमी) पंजीकृत किसान समिति, कृषक उत्पादक संघ (एफपीओ) तथा पंजीकृत एनआरएलएम समूह। प्रथम आवक प्रथम पावक के सिद्वान्त पर निर्धारित लक्ष्यो की सीमा तक अनुदान का लाभ। प्री बुकिग एंव टोकन जेनरेशन के लिए किसान अपने या अपने परिवार के ही मोबाईल नम्बर का इस्तेमाल करे।

प्री बुकिग वाले लाभार्थियो को “आप की बुकिग स्वीकार कर ली गई है“ का सन्देश भेजा जायेगा। बजट की उपलब्धता के आधार पर टोकन निर्गत करने का संदेश अलग से भी मोबाईल नम्बर पर प्रेषित किया जायेगा।

जनपद केें समस्त कृषको को सूचित करते हुए उप कृषि निदेशक इन्द्राज ने बताया है कि योजना का लाभ प्राप्त करने हेतु 09 अक्टूबर को  पूर्वान्ह 11 बजे से विभागीय पोर्टल पर कृषि यन्त्रो/कस्टम हायरिग सेन्टर हेतु आन लाईन टोकन जनरेट/प्री बुकिग कराये। जनपद हेतु आवंटित लक्ष्यो के अन्तर्गत उपरोक्त व्यवस्था के अनुसार यन्त्र क्रय कर लाभ प्राप्त करे तथा अपनी उत्पादन एंव उत्पादकता में वृद्वि के साथ-साथ कृषि की विकास दर में भी वृद्वि करें।



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