चाणक्य नीति : जीवन में पांच तरह के उपायों से दें गरीबी को मात

 


हर मनुष्य के जीवन में सुख और दुख का बना रहना यथार्थ है. मगर आचार्य चाणक्य ने इससे निकलने का भी हल बताया है. आइए जानते हैं क्या है वे सूत्र.

आचार्य चाणक्य के मुताबिक मानव प्रकृति में सुख के बाद दुख और दुख के बाद सुख आता है, लेकिन आचार्य के अनुसार पांच तरह के दान से आम जिंदगी में आने वाली आर्थिक बाधाएं मिटने लगती हैं.

1. मूर्ख मित्र से व्यापारिक साझेदारी नहीं

आचार्य के मुताबिक कारोबार का आधार साझेदारी है, लेकिन यह किसके साथ करनी है, इसका चयन बेहद अहम है. मूर्ख मित्र से व्यापारिक साझेदारी किसी सूरत में फायदे का सौदा नहीं हो सकता है. ऐसे लोगों से ज्ञान की बात पर समय की बर्बादी और बिना वजह वाद-विवाद होता है. ऐसे लोगों से दूर रहकर नुकसान से बचे रह सकते हैं.

2. गरीबी से मुक्ति पाने के लिए दान करें

आचार्य चाणक्य के मुताबिक आप गरीबी से मुक्ति चाहते हैं तो दान सबसे अच्छा उपाय है. व्यक्ति को शक्ति मुताबिक समय-समय पर दान करते रहना चाहिए. इससे अक्षय पुण्य मिलता है और आपके पूर्व बुरे कर्म धुल जाते हैं.

3. विनम्रता का व्यवहार जरूरी

माना जाता है कि व्यक्ति को कर्मों के कारण सुख और दुख की प्राप्ति होती है. इसलिए ऐसे काम करते रहना चाहिए, जो हमारे लिए भविष्य में दुख का कारण न बनें. इस कारण हमें हमेशा सभी से विनम्रता बनाए रखनी चाहिए. कारोबारी संबंधों में इसका हमेशा लाभ मिलता है.

4. ज्ञान बढ़ाएं, अपनों को भी महत्व दें

अगर आप आर्थिक विपन्नता से बचना चाहते हैं तो खुद का ज्ञान बढ़ाने से पीछे न हटें. ध्यान रखें किसी भी विषय में जुटाया गया ज्ञान आपको समय के साथ आर्थिक मजबूती देगा.

5. भक्ति की शक्ति से हटेगी विपत्ति

चाणक्य के मुताबिक मनुष्य के जीवन में हर सफलता या असफलता के पीछे ईशदेव की मंशा होती है, लेकिन जब बात आर्थिक स्थिति या जीवन से जुड़ी हो तो भक्ति की शक्ति से सभी विपत्तियां हट जाती हैं, इसलिए हमें ईश्वर पर भरोसा, भक्ति दोनों करनी चाहिए. आप इससे पुराने जन्म के पापों को मिटा सकते हैं.





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