दुनिया में सबकुछ पैसा ही नहीं होता है। धन का होना भी जरूरी है लेकिन सबकुछ धन ही नहीं होता है। आचार्य चाणक्य के अनुसार धन से अधिक मूल्यवान और जरूरी चीजें होती हैं। आज के समय में भी आचार्य चाणक्य की नीतियां कारगर साबित होती हैं। आचार्य चाणक्य की नीतियों का पालन कर लोगों सफलता प्राप्त करते हैं। आचार्य चाणक्य के अनुसार धन जाने के बाद आ सकता है लेकिन ये चीजें एक बार चली जाएं तो फिर वापस नहीं आती हैं। आइए जानते हैं धन से भी अधिक मूल्यवान और जरूरी चीजें कौनसी हैं...
धर्म है धन से ज्यादा जरूरी : आचार्य चाणक्य के अनुसार धर्म धन से ज्यादा जरूरी है। कभी भी धर्म का त्याग नहीं करना चाहिए। व्यक्ति को हमेशा धर्म के मार्ग में चलना चाहिए। धर्म के मार्ग में चलने वाला व्यक्ति जीवन में मान- सम्मान प्राप्त करता है। धर्म के लिए धन का त्याग करने में कोई बुराई नहीं है।
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