चाणक्य नीति : धन से भी अधिक मूल्यवान और जरूरी हैं ये चीजें, इनके बिना व्यर्थ है जीवन


दुनिया में सबकुछ पैसा ही नहीं होता है। धन का होना भी जरूरी है लेकिन सबकुछ धन ही नहीं होता है। आचार्य चाणक्य के अनुसार धन से अधिक मूल्यवान और जरूरी चीजें होती हैं। आज के समय में भी आचार्य चाणक्य की नीतियां कारगर साबित होती हैं। आचार्य चाणक्य की नीतियों का पालन कर लोगों सफलता प्राप्त करते हैं। आचार्य चाणक्य के अनुसार धन जाने के बाद आ सकता है लेकिन ये चीजें एक बार चली जाएं तो फिर वापस नहीं आती हैं। आइए जानते हैं धन से भी अधिक मूल्यवान और जरूरी चीजें कौनसी हैं...

धर्म है धन से ज्यादा जरूरी : आचार्य चाणक्य के अनुसार धर्म धन से ज्यादा जरूरी है। कभी भी धर्म का त्याग नहीं करना चाहिए। व्यक्ति को हमेशा धर्म के मार्ग में चलना चाहिए। धर्म के मार्ग में चलने वाला व्यक्ति जीवन में मान- सम्मान प्राप्त करता है। धर्म के लिए धन का त्याग करने में कोई बुराई नहीं है।

प्रेम है धन से ज्यादा मूल्यवान : आचार्य चाणक्य के अनुसार धन से अधिक मूल्यवान प्रेम है। प्रेम के लिए धन को ठुकराया जाने में कोई बुराई नहीं है। आप धन कमा सकते हैं लेकिन किसी का प्रेम नहीं खरीद सकते हैं। व्यक्ति को हमेशा रिश्तों की अहमियत समझनी चाहिए। प्रेम के लिए अगर धन- हानि भी हो जाए तो कोई दिक्कत वाली बात नहीं है।

आत्मसम्मान है धन से अधिक मूल्यवान : आचार्य चाणक्य के अनुसार किसी भी व्यक्ति के लिए उसका आत्मसम्मान हमेशा धन से अधिक मूल्यवान होता है। धन कमाने के लिए कभी भी आत्मसम्मान नहीं खोना चाहिए। आप खोया धन प्राप्त कर सकते हैं लेकिन खोए हुए आत्मसम्मान को प्राप्त करना बहुत मुश्किल होता है।







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