बलिया : मुकदमों के भार को कम करने के लिए लोक अदालत जरूरी : प्रशासनिक न्यायमूर्ति

 



दीवानी न्यायालय में लोक अदालत का किया शुभारंभ

मुकदमों के बोझ से नहीं मिल पाता है समय से न्याय

बलिया: राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशन में जनपद न्यायालय परिसर के केंद्रीय सभागार में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन शनिवार को हुआ। हाईकोर्ट के प्रशासनिक जज अजीत कुमार ने मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर इसका शुभारंभ किया।

इस अवसर पर अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि जिले के न्यायालयों में मुकदमों की संख्या इस कदर बढ़ गयी है कि लोगों को समय से न्याय मिलने में दिक्कत आती है है। सबसे बड़ी बात कि सिविल के मुकदमों में स्थायी स्थगन आदेश नहीं मिल पाता है। ऐसे में वादकरियों को न्याय से भरोसा उठ रहा है। लोगों को सुविधाजनक तरीके से न्याय दिलाने के लिए ही लोक अदालतों का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने पीठासीन न्यायिक अधिकारियों से निर्भीक होकर कार्य करने को कहा। यह भी कहा कि जो फौजदारी के जमानत हाईकोर्ट तक पहुंचते है, उनमें से अधिकांश मामलों में जमानत दी जा सकती है। यहां न्याय की मंशा को समझने की जरूरत है। 

बलिया महापुरुषों की धरती, यहां काम करना गर्व की बात

प्रशासनिक जज अजीत कुमार कहा कि बलिया जनपद महापुरुषों की धरती है। यहां पर कार्य करना आप न्यायिक अधिकारियों के लिए गर्व की बात है। इस मौके पर जिला जज आलोक कुमार त्रिवेदी ने सभी अतिथियों का स्वागत एवं आभार जताया। संचालन जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के प्रभारी सचिव सर्वेश कुमार मिश्र ने किया।



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