चाणक्य नीति : संकट काल में जब कुछ हल समझ न आए, तो पढ़ लें आचार्य चाणक्य की ये 7 नीतियां


आचार्य चाणक्य एक महान शिक्षाविद, अर्थशास्त्री व राजनीतिज्ञ थे। आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतियों से लोगों को सही रास्ता दिखाया, जिनका आज भी लोग अनुसरण करते हैं। कहा जाता है कि आचार्य की नीतियां अपनाना कठिन हैं, लेकिन जिसने भी अपनाया उसने सफलता हासिल की। अपनी नीतियों के बल पर आचार्य चाणक्य ने एक साधारण बालक चंद्रगुप्त को मौर्य वंश का सम्राट बना दिया था।

चाणक्य ने अपने ग्रंथ नीति शास्त्र में तमाम ऐसी नीतियों का वर्णन किया है, जिन्हें अपनाकर व्यक्ति संकट में फंसने से बच सकता है। इन नीतियों को अपनाने से व्यक्ति को मान-सम्मान हासिल होता है। पढ़ें आचार्य चाणक्य की नीतियां-

1. हर व्यक्ति को शिक्षा में रुचि लेनी चाहिए। हमेशा नया सीखने या ज्ञान प्राप्त करने का प्रयास करना चाहिए। चाणक्य कहते हैं कि शिक्षा ही आपकी सच्ची साथी है। बुरे समय में शिक्षित व्यक्ति मुसीबत का हल आसानी से खोज लेता है। इसके अलावा शिक्षित व्यक्ति को हर जगह मान-सम्मान मिलता है।

2. चाणक्य कहते हैं कि व्यक्ति को हमेशा वर्तमान को बेहतर करने का प्रयास करना चाहिए। बीती बातों को याद करके पछताने का कोई मतलब नहीं है। भविष्य की चिंताओं में डूबे रहने से भी कुछ हासिल नहीं होता है।

3. नीति शास्त्र के अनुसार, अपने रहस्यों को किसी के साथ साझा नहीं करने चाहिए। क्योंकि जिस दिन वह व्यक्ति आपसे नाराज हो गया, वह आपके मान-सम्मान को ठेस पहुंचा सकता है।

4. चाणक्य कहते हैं कि हर व्यक्ति को कर्म पर भरोसा करना चाहिए। कर्म ही उसका भविष्य बेहतर बनाते हैं। कर्म से व्यक्ति अपना भाग्य बदल सकता है।

5. चाणक्य के अनुसार, ये एक कड़वा सच है कि हर मित्रता के पीछे कोई न कोई स्वार्थ जरूर होता है। 

6. चाणक्य कहते हैं कि किसी भी काम को उसे परिणाम के बारे में सोचकर बीच में नहीं छोड़ना चाहिए। अगर असफलता मिलेगी तो आपको अनुभव हासिल होगा। आपका छोटा प्रयास आपका जीवन बदल सकता है।

7. चाणक्य के अनुसार, बच्चे को अनुशासन सीखाने के लिए उसे जन्म से पांचवें साल से खूब प्यार देना चाहिए। 10 साल तक उसे गलत कार्यों पर दंडित करना चाहिए। 16 साल की उम्र में उसे दोस्त बना लेना चाहिए। ताकि वह आपसे अपने दिल की हर बात शेयर कर सके।



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