भारतीय रेलवे ने किया स्पष्ट, कोरोना के कारण रेल सेवाओं में नहीं होगी कोई कटौती- मांग होने पर चलाएंगे अतिरिक्त ट्रेनें

  


नई दिल्ली। कोविड महामारी के तेजी से पैर पसारने के कारण देशव्यापी लाॅकडाउन की आशंका के मद्देनज़र भारतीय रेल ने आज स्पष्ट किया कि कोविड के नाम पर किसी को आशंकित होने की कोई जरूरत नहीं है। रेलवे की सेवाओं में कोई कटौती नहीं की जाएगी और मांग होने पर अतिरिक्त ट्रेनें चलाईं जाएंगी।

रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) सुनीत शर्मा ने यहां एक वर्चुअल संवाददाता सम्मेलन में कहा कि देश के किसी भी हिस्से में किसी को भी इस बात की चिंता नहीं करनी चाहिए कि रेलवे की सेवाएं बंद हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि रेलवे 1490 मेल एक्सप्रेस ट्रेनें चला रहा है जो कोविड काल के पूर्व की तुलना में 84 प्रतिशत है। इसी प्रकार से 92 प्रतिशत यानी 5387 उपनगरीय सेवाएं भी संचालित की जा रही हैं। केवल पैसेंजर ट्रेनों के मामले में 26 फीसदी यानी 947 गाड़ियां चलायीं जा रहीं हैं। इसका कारण यह है कि पैसेंजर गाड़ियां अनारक्षित होतीं हैं और उनमें यात्रियों के कोविड प्रोटोकॉल को सुनिश्चित करना कठिन होता है।

शर्मा ने कहा कि इन सेवाओं के अलावा अप्रैल एवं मई के माह में दिनों में मुंबई एवं दिल्ली से 140 अतिरिक्त गाड़ियाें के 483 फेरे संचालित करने का फैसला लिया गया। उन्होंने कहा कि मुंबई, पुणे, सूरत, अहमदाबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, दिल्ली आदि शहरों के विभिन्न स्टेशनों की निगरानी सतर्कतापूर्वक की जा रही है। विभिन्न जोनों में महाप्रबंधकों को अधिकार दिये गये हैं कि जैसे ही उनके अधिकार क्षेत्र के किसी स्टेशन से किसी स्थान के लिए नयी ट्रेन के लिए मांग आती है तो वे तुरंत उसे चलाने का फैसला ले सकते हैं। इसके लिए अतिरिक्त रैक की व्यवस्था की गयी है।

प्रवासी मजदूरों के लिए अलग से प्रवासी श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाने के बारे में पूछे जाने पर रेलवे बोर्ड के मुखिया ने कहा कि रेलवे सभी यात्रियों के लिए ट्रेनें चला रही है। उनमें श्रमिक मजदूर भी शामिल हैं। यदि यात्रियों की संख्या बढ़ती है तो अतिरिक्त ट्रेनें मांग पर तुरंत चलाने की तैयारी है। इसलिए किसी को भी कभी भी कहीं भी जाने के लिए रेल सेवाओं को लेकर कोई आशंका पालने की जरूरत नहीं है।

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि भारतीय रेलवे ने इस साल भी कोविड रोगियों के उपचार के लिए 4000 से अधिक कोचों की व्यवस्था की है। अभी तक केवल महाराष्ट्र में नंदूरबार से रेलवे को सौ आइसोलेशन कोच देने की मांग प्राप्त हुई है जिसमें से 20 कोचों की व्यवस्था की जा चुकी है और उन्हें नंदूरबार स्टेशन पर राज्य सरकार की निगरानी में भेज दिया गया है। उन्होंने कहा कि रेलवे के चिकित्सक एवं स्वास्थ्यकर्मी कोविड टीकाकरण अभियान में भाग ले रहे हैं तथा रेलकर्मियों से इतर अन्य लोगों की भी सेवा कर रहे हैं।

शर्मा ने कहा कि स्टेशन परिसर एवं ट्रेनों में कोविड प्रोटोकॉल के अनुपालन एवं सामाजिक दूरी बनाये रखने की जरूरत को लेकर रेलवे अत्यधिक सजगता से कार्य कर रही है। गाड़ियों में सिर्फ और सिर्फ आरक्षित टिकट वाले यात्रियों को सवार होने दिया जा रहा है। रेलवे ने कोविड नियमों का पालन नहीं करने वालों पर जुर्माना भी लगाना शुरू कर दिया है।



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