बलिया। आज अन्तर्राष्ट्रीय आर्द्रभूमि दिवस एवं बर्ड फेस्टिवल दिवस के अवसर पर जननायक चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय के निकट सूरहाताल के वाचटावर के पास सामाजिकी वन विभाग बलिया द्वारा एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसके मुख्य अतिथि रहे पूर्व कैविनेट वन मंत्री श्री राजधारी सिंह जी, जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता किए अमरनाथ मिश्र स्नातकोत्तर महाविद्यालय दूबेछपरा, बलिया के पूर्व प्राचार्य पर्यावरणविद् डा० गणेश कुमार पाठक। कार्यक्रम का संचालन धर्मेंन्द्र तिवारी ने किया। उक्त अवसर पर इस वर्ष की थीम "आर्द्रभूमि एवं जल" विषय पर एक कला प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया, जिसमें राजकीय इंटर कालेज बलिया, ज्ञानपीठिका सीनियर सेकेण्ड्री स्कूल, ग्रीनवैली पब्लिक स्कूल एवं फूलबसिया उ० मा० विद्यालय ब्रह्माईन के छात्र- छात्राओं ने भाग लिया। उक्त प्रतियोगिता में राजकीय इंटर कालेज के छात्र प्रथम स्थान प्राप्त किया। प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान पाने वाले छात्र - छात्राओं एवं अन्य चार प्रियोगियों को भी सान्त्वना पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया।
बतौर मुख्य अतिथि कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री राजधारी सिंह ने कहा कि आज हमें प्रकृति को संरक्षण करने की आवश्यकता है, अन्यथा आने वाला समय भयावह होगा। अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में डा० गणेश पाठक ने कहा कि आर्द्रभूमिया प्रकृति संरक्षण हेतु प्रकृति के हृदय एवं किडनी की तरह काम करती हैं, जिनसे हमारे पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी का संतुलन बना रहता है। जलचक्र को संतुलित करने एवं जैवविविधता को बनाए रखने में इनका विशेष योगदान होता है। ये पादप जगत एवं जीवजंतु जगत को भी संरक्षण प्रदान करती हैं। अगर बलिया की इन आर्द्रभूमियों का विकास कर इन्हें सुरक्षित एवं संरक्षित किया जाय तो इनसे सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक,पर्यावरणीय एवं पारिस्थितिकी विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेंगी। पर्यटन की दृष्टि से इनको विकसित कर इन्हें समग्र विकास का माध्यम बनाया जा सकता है।इस कार्यक्रम को नेहरू युवा केन्द्र के समन्वयक सलभ उपाध्याय, नितेश पाठक, प्रभागीय उप वनाधिकारी अविनाश पाण्डेय, धर्मेंन्द्र कुमार तिवारी, जे० पी० एस० वर्मा, डा० ईफ्तखार खाँ आदि ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर वन विभाग के सभी अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।
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