संस्कार व हवन कार्यक्रम में जुटा भक्तों का रेला
बलिया। महावीर घाट स्थित गायत्री शक्तिपीठ पर 108 कुन्डीय गायत्री महायज्ञ के तीसरे दिन रविवार को वैदिक मंत्रोच्चार के द्वारा समस्त देवी-देवताओं का आवाह्न कर हवन किया गया।इसके साथ ही विभिन्न संस्कारों को कराया गया। इस दौरान पूरे दिन भक्तों का रेला लगा रहा।
शांतिकुंज हरिद्वार से आये आचार्य सुरेन्द्र सिंह ने संस्कारों के विषय में बताया कि संस्कारों की गौरवशाली परम्परा है जिसे पुनः स्थापित करना आवश्यक है। कहा कि विश्व में हम चोटी (ऊचाई) के लोग हैं इस लिए हमारी चोटी है। शिखा के गौरवशाली अतीत को समझे व लोगों को जोड़े। कहा कि जनेऊ को सिर्फ सूत मत समझिये यह एक सूत्र है। इसमें पांच देवताहै जिसमें ब्रह्मा श्रृजन, विष्णु पोषण, शिव उत्तरदायित्व, यज्ञ त्याग का व सूर्य नियमितता है जैसे शरीर रुपी मंदिर के दरवाजे यानि मुख पर गंदगी नहीं होनी चाहिए।
इस दौरान मीडिया प्रभारी आचार्य सुनील द्विवेदी व राकेश पान्डेय, बबलू जी, श्रीमती बेबी सिंह, अनिल द्विवेदी, विवेक सिंह, सत्यदेव गुप्ता पप्पू, सर्वेश, संजय कुशवाहा, कुमारी दिव्याजली, श्रीमती ममता गुप्ता, श्रीमती कंचन चौबे, रविंद्र नाथ पांडेय, अशोक, प्रमिल दुबे, शिव प्रताप, सत्यदेव प्रसाद, केदारनाथ यादव, विशाल गुप्ता, ममता जी, सत्यदेव, रविन्द्र नाथ श्रीवास्तव, रविन्द्रनाथ पान्डेय, अशोक सिंह, श्रीमती शांति देवी, कु.अक्षरा विश्वकर्मा एवं गणेश जी, श्रीमती हेवनती देवी, श्रीमती लाल मुनी राय, प्रभावती राय, कृष्णा जयसवाल, आनंद कुमार तिवारी, हरेराम एवं सुग्रीव, अनिल यादव, स्नेहा गुप्ता, आलोक चौबे, आनंद तिवारी आदि लोगों ने सराहनीय योगदान दिया।
दीप महायज्ञ सम्पन्न : हजारों गायत्री परिजनों ने किया दीप दान
बलिया। शान्तिकुञ्ज हरिद्वार के तत्वावधान में रविवार की शाम दीप महायज्ञ सम्पन्न हुआ। जिसमें हजारों दीप एक साथ प्रज्वलित किया गया।जनपद के कोने-कोने से आये हजारों गायत्री परिजनों ने दीप दान किया।
गंगा नदी के किनारे बने गायत्री शक्तिपीठ पर काफी उत्साह के साथ नगर वासियों ने तनमयता पूर्वक व अथाह आस्था के यथा संभव दीप प्रज्वलन का पुण्य किया। युवक-युवतियों के साथ ही वृद्ध व बच्चों ने भी दीप दान में बढ़-चढ़कर भाग लिया।इस दौरान शक्तिपीठ का उत्सव काफी आनंदित करने वाला रहा।
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