ली चिंग का जन्म चीन के सिचुआन में 3 मई 1677 को हुआ था। जबकि उनकी मृत्यु 6 मई, 1933 को हुई थी। ली चिंग का जन्म चीन में क्विंग शासन के दौरान हुआ था और उन्होंने अपनी ज्यादातर जिंदगी पहाड़ों पर बिताई थी। चीनी सेना के जनरल युंग सेन की माने तो ली चिंग 13 साल की उम्र में घर छोड़कर पहाड़ों पर चले गए थे। 51 साल की उम्र में वे लौटकर आए और जनरल यू जॉन्ग की सेना में सलाहकार की भूमिका में रहे। 78 साल की उम्र में उन्होंने सेना से रिटायरमेंट लिया। इससे पहले उन्होंने गोल्डन रिवर की लड़ाई में हिस्सा लिया।
200वें जन्मदिन पर शाही घराने ने भेजा था संदेश यू जॉन्ग की सेना में लंबे समय तक सेवा देने के लिए वहां के शाही राजघराने ने ली चिंग की जिंदगी के 100 वर्ष पूरे होने पर उन्हें एक शाही संदेश भेजा था। इसके बाद शाही राजघराने ने 150वें और 200वें जन्मदिन पर भी बधाई संदेश भेजा। गौरतलब है कि 1928 में डीन वू चुंग चेन जो मिनकू यूनीवर्सिटी में शिक्षा विभाग में थे, उन्होंने ली को दिए गए शाही संदेश केा ढूढ़ निकाला। उनकी खोज को चीन के दो अखबारों ने प्रकाशित भी किया। इतना ही नहीं 1929 में न्यूयॉर्क टाइम्स ने भी इस खबर की पुष्टि की थी। दोनों अखबारों की रिपोर्ट्स की मानें तो ली चिंग की मौत 1933 में हुई। अगर इन रिकॉर्ड की मानें तो वह पूरे 200 साल तक जिंदा रहा।
ली को मार्शल आर्ट में थी महारथ हासिल वर्ष 1908 में ली चिंग की जिंदगी पर एक किताब लिखी गई थी, जिसका नाम 'द सीक्रेट ऑफ ली' ली क्वीनगिन इमोर्टेलिटी रख गया। ली चिंग अपने समय में एक आयुर्वेद के डॉक्टर के रूप में प्रसिद्ध थे। उसके साथ मार्शल आर्ट में भी उन्हें महारथ हासिल थी। कहते हैं कि उसने जीने का मंत्र सीख लिया था। इसलिए वे हमेशा निरोगे और फीट रहे। उन्होंने अपने जीवन काल में 23 पत्नियों का अंतिम संस्कार किया था। 6 मई, 1933 को जब ली चिंग की मृत्यु हुई तब उसकी उम्र 256 साल थी।
0 Comments