सुखपुरा(बलिया) : निकटवर्ती ग्राम सोबईबांध करनई में मंगलवार की शाम कैलाश खेर के नाम सांस्कृतिक कार्यक्रम में सूफी गायक पद्मश्री कैलाश खेर ने ऐसा शमा बांधा कि श्रोता मंत्रमुग्ध होकर नृत्य करने पर मजबूर हो गए।तेरे नाम से जी लूं तेरे नाम से मर जाऊं,हीरे मोती मैं ना चाहूं मैं तो चाहूं संगम तेरा,प्रीत की लत मोहे ऐसी लागी हो गई मैं मतवारी जैसे गीतों से श्रोताओं पर ऐसा जादू डाला कि श्रोता भी सूफियाना अंदाज में हो गए।कार्यक्रम के आखिरी में तो सूफी गायक ने लोगों को इस कदर मुग्ध कर दिया कि जाड़े की ठिठुरन का परवाह न कर लोग अपनी कुर्सियों से उठकर नाचने लगे।श्रोताओं की फरमाइश पर लगातार उन्होंने अपने कई बेहतरीन गानो से श्रोताओं का भरपूर मनोरंजन किया।जिलाधिकारी हरी प्रताप शाही ने स्मृति चिह्न देकर कैलाश खेर को सम्मानित किया। आदित्य मिश्रा,डॉ विजय तिवारी,विनय तिवारी,डॉक्टर संतोष कुमार,डा अजीत सिंह,डा डी राय,एके पांडेय,प्रधानाचार्य अनुभव दुबे आज विशिष्ट जन मौजूद रहे। थानाध्यक्ष वीरेंद्र कुमार यादव अपनी पूरी टीम के साथ सुरक्षा व्यवस्था में शुरू से आखिर तक लगे रहे।
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