बलिया। जनपद में गोवंश संरक्षण को और अधिक सुदृढ़ बनाने के उद्देश्य से जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह की अध्यक्षता में मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभागार में जनपद स्तरीय अनुश्रवण, मूल्यांकन एवं समीक्षा समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में जनपद के सभी गो आश्रय स्थलों की व्यवस्थाओं, मुख्यमंत्री सहभागिता योजना के अंतर्गत सुपुर्द किए गए गोवंशों के भरण-पोषण तथा डीबीटी के माध्यम से किए गए भुगतान की विस्तार से समीक्षा की गई।
बैठक के दौरान भविष्य में संरक्षित किए जाने वाले गोवंशों की संभावित संख्या को देखते हुए गो आश्रय स्थलों पर शेड विस्तार, अवस्थापना निर्माण, समय से सत्यापन तथा फंड रिक्वेस्ट प्रेषण पर चर्चा हुई। इसके साथ ही पशु क्रूरता अधिनियम के तहत बरामद गोवंशों को गो आश्रय स्थलों में प्रतिस्थापित करने, ठंड से बचाव के पुख्ता इंतजाम तथा आश्रय स्थलों के सतत निरीक्षण पर विशेष जोर दिया गया। केयर टेकरों के मानदेय भुगतान और पराली संग्रहण की प्रगति की भी समीक्षा की गई।
जिलाधिकारी ने सभी पशु चिकित्सा अधिकारियों को निर्देशित किया कि प्रत्येक गौशाला में ठंड से बचाव की समुचित व्यवस्था, पर्याप्त चारा, साफ-सफाई, स्वच्छ पेयजल तथा पानी के टैंकरों की नियमित सफाई सुनिश्चित की जाए। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सभी गौशालाओं में सीसीटीवी कैमरे एवं कंट्रोल रूम को सक्रिय रखने तथा गोवंशों की जियो-टैगिंग अनिवार्य रूप से सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।
इसके अलावा जिलाधिकारी ने प्रत्येक गौशाला में वाई-फाई सुविधा उपलब्ध कराने के लिए संबंधित विकासखंड के माध्यम से त्वरित कार्रवाई करने को कहा। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी द्वारा अवगत कराए जाने पर कि 26 गौशालाओं में केयर टेकरों के रहने की व्यवस्था उपलब्ध नहीं है, जिलाधिकारी ने सभी गौशालाओं में केयर टेकरों के लिए शौचालय, बिजली और रहने हेतु कक्ष की व्यवस्था सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी ओजस्वी राज, जिला विकास अधिकारी आनंद प्रकाश, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।


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