भारत जैसे विकासशील देश के लिए ऊर्जा केवल संसाधन नहीं, बल्कि प्रगति और आत्मनिर्भरता की रीढ़ है। ऊर्जा की बढ़ती मांग, सीमित प्राकृतिक संसाधन और पर्यावरणीय संकट के बीच ऊर्जा संरक्षण आज समय की सबसे बड़ी आवश्यकता बन चुका है। इसी उद्देश्य से प्रत्येक वर्ष 14 दिसंबर को राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस मनाया जाता है। यह दिवस हमें ऊर्जा के विवेकपूर्ण उपयोग, संरक्षण और वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों को अपनाने के प्रति जागरूक करने का संदेश देता है।
ऊर्जा संरक्षण दिवस का उद्देश्य केवल बिजली बचाने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह भावी पीढ़ियों के सुरक्षित भविष्य की आधारशिला है। औद्योगीकरण, शहरीकरण और आधुनिक जीवनशैली के कारण ऊर्जा की खपत निरंतर बढ़ रही है। ऐसे में यदि ऊर्जा का संतुलित और जिम्मेदार उपयोग नहीं किया गया, तो आने वाले समय में गंभीर ऊर्जा संकट उत्पन्न हो सकता है। इस दिवस के माध्यम से सरकार, उद्योग, संस्थान और आम नागरिकों को ऊर्जा दक्ष तकनीकों को अपनाने और अनावश्यक ऊर्जा उपयोग से बचने के लिए प्रेरित किया जाता है।
भारत सरकार द्वारा ऊर्जा संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण पहल की गई हैं। ऊर्जा दक्ष उपकरणों का प्रयोग, एलईडी बल्बों का उपयोग, सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा और अन्य नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को प्रोत्साहन देना इसी दिशा में उठाए गए ठोस कदम हैं। ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिशिएंसी (BEE) द्वारा ऊर्जा संरक्षण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले संस्थानों, उद्योगों और व्यक्तियों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया जाता है, जिससे समाज में सकारात्मक प्रतिस्पर्धा और जागरूकता का माहौल बनता है।
ऊर्जा संरक्षण का सीधा संबंध पर्यावरण संरक्षण से भी है। अधिक ऊर्जा खपत का अर्थ है अधिक जीवाश्म ईंधनों का उपयोग, जिससे वायु प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं। यदि हम ऊर्जा की बचत करते हैं, तो न केवल संसाधनों की रक्षा करते हैं, बल्कि पृथ्वी को स्वच्छ और सुरक्षित बनाने में भी योगदान देते हैं। घरों में अनावश्यक रूप से जलती लाइटें बंद करना, ऊर्जा दक्ष उपकरणों का प्रयोग, सार्वजनिक परिवहन को अपनाना जैसे छोटे-छोटे कदम भी बड़े बदलाव ला सकते हैं।
राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस हमें यह संदेश देता है कि ऊर्जा बचाना किसी एक व्यक्ति या संस्था की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि पूरे समाज का सामूहिक दायित्व है। जब हर नागरिक ऊर्जा संरक्षण को अपने जीवन का हिस्सा बनाएगा, तभी देश सशक्त, आत्मनिर्भर और पर्यावरण के प्रति जिम्मेदार बन सकेगा। आइए, इस राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस पर हम सभी यह संकल्प लें कि ऊर्जा का सदुपयोग करेंगे, अपव्यय रोकेंगे और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक सुरक्षित, हरित और उज्ज्वल भविष्य का निर्माण करेंगे।
परिवर्तन चक्र समाचार सेवा ✍️


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