लखनऊ। उत्तर प्रदेश में चल रही स्पेशल इंटेंसिव रिविज़न (SIR) की समय सीमा बढ़ा दी गई है। सूत्रों के अनुसार, चुनाव आयोग ने यूपी में SIR प्रक्रिया की डेडलाइन 14 दिनों तक बढ़ाते हुए अब अंतिम तिथि 11 दिसंबर से बढ़ाकर 25 दिसंबर 2025 कर दी है। इससे राज्य में वे सभी नागरिकों को राहत मिलेगी जो अभी तक अपने नाम मतदाता सूची में नहीं जोड़ पाए थे। आयोग द्वारा यह निर्णय अन्य कुछ राज्यों पर भी लागू किया जा सकता है।
यूपी के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने बताया कि प्रदेश में 91% से अधिक SIR फॉर्म वितरित किए जा चुके हैं। लगभग 80% मतदाता अपने फॉर्म भरकर जमा कर चुके हैं, जबकि 76% मतदाताओं की मैपिंग 2003 की वोटर लिस्ट से हो चुकी है। लेकिन अब भी करीब 2.91 करोड़ वोटर्स में से 18% लोगों के SIR फॉर्म नहीं मिल पाए हैं।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने यह भी बताया कि अभी तक की जांच में
- 1.27 करोड़ शिफ्टेड
- 46 लाख मृतक
- 23.69 लाख डुप्लीकेट वोटर्स की पहचान हो चुकी है।इसके अलावा 84.74 लाख मतदाताओं का कोई पता उपलब्ध नहीं है, जबकि 9.57 लाख वोटर्स ने फॉर्म लेकर वापस जमा नहीं किया। उन्होंने आयोग से अतिरिक्त समय की मांग की थी और उम्मीद जताई कि बढ़ी हुई अवधि में शेष 2.91 करोड़ वोटर्स का दोबारा सत्यापन पूरा किया जाएगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने SIR अभियान को लोकतंत्र की मजबूती के लिए बेहद महत्वपूर्ण बताया है। लखनऊ में हुई बैठक में सीएम ने पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं से कहा कि आने वाला पूरा महीना इस अभियान को समर्पित होना चाहिए। उन्होंने निर्देश दिया कि बूथ स्तर पर घर-घर जाकर यह सुनिश्चित किया जाए कि कोई भी पात्र नागरिक मतदाता सूची में शामिल होने से न छूटे, और अपात्र व्यक्तियों के नाम हटाए जाएँ।
उन्होंने यह भी कहा कि हर पात्र मतदाता को सूची में शामिल करना एक मजबूत, पारदर्शी और समावेशी लोकतंत्र के लिए आवश्यक है। पार्टी कार्यकर्ताओं को यह भी कहा गया कि वे यह भी जाँचें कि किन लोगों ने SIR फॉर्म जमा किया है और किन्होंने नहीं।
चुनाव आयोग की गाइडलाइन के अनुसार, 1 जनवरी 2026 तक 18 वर्ष पूरा करने वाले युवा भी फॉर्म-6 भरकर मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज करा सकेंगे।


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