ददरी मेला के बीच बलिया की यातायात व्यवस्था – अनुशासन और सहयोग से सुधरती दिशा


बलिया, अपनी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पहचान के लिए प्रसिद्ध जनपद, इन दिनों ददरी मेला की चहल-पहल से सराबोर है। लाखों की भीड़ प्रतिदिन मेले में उमड़ रही है, जिससे शहर की यातायात व्यवस्था पर भारी दबाव पड़ा है। फिर भी जिला प्रशासन और पुलिस के प्रयासों से स्थिति नियंत्रण में बनी हुई है।

वर्तमान समय में भृगु आश्रम मार्ग और कदमतल चौराहा ददरी मेला जाने का मुख्य मार्ग बने हुए हैं। इन मार्गों पर श्रद्धालुओं, वाहनों और पैदल यात्रियों की भारी आवाजाही देखी जा रही है। प्रशासन ने भीड़ को नियंत्रित करने और सुगम आवागमन के लिए वन-वे व्यवस्था, अस्थायी पार्किंग स्थल, तथा पुलिसकर्मियों की अतिरिक्त तैनाती की है। साथ ही, मुख्य चौराहों पर सीसीटीवी कैमरों की निगरानी और लाउडस्पीकर से लगातार दिशा-निर्देश दिए जा रहे हैं।

यातायात पुलिस का प्रयास है कि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो और आपातकालीन सेवाएँ भी निर्बाध रूप से चल सकें। स्थानीय स्वयंसेवी संस्थाएँ, स्काउट-गाइड दल और नागरिक भी प्रशासन के सहयोग में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।

बलिया के लोगों से अपेक्षा है कि वे प्रशासन के निर्देशों का पालन करें, निर्धारित पार्किंग का उपयोग करें, सड़क किनारे अवैध वाहन न खड़े करें और भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में संयम बनाए रखें।

ददरी मेला बलिया की परंपरा और आस्था का प्रतीक है, और इसे सुचारू रूप से सम्पन्न कराना हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है।

“अनुशासन ही यातायात की असली पहचान है —
ददरी मेले में सुरक्षित यात्रा ही बलिया की सच्ची संस्कृति है।”

परिवर्तन चक्र समाचार सेवा ✍️ 




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