लखनऊ: उत्तर प्रदेश में विधानसभा और विधान परिषद के सदस्यों यानी विधायकों की सैलरी और भत्तों में बढ़ोतरी हुई है. यूपी विधानसभा के मानसून सत्र के आखिरी दिन संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना वेतन-भत्तों की बढ़ोतरी से संबंधित प्रस्ताव पेश किया गया, जिसे सर्वसम्मति से पास कर दिया गया.
इस संशोधन के तहत विधायकों का मासिक वेतन 25,000 रुपए से बढ़ाकर 35,000 रुपए और मंत्रियों का वेतन 40,000 रुपए से बढ़ाकर 50,000 रुपए कर दिया गया है. इसके अतिरिक्त, कई अन्य भत्तों में भी वृद्धि को मंजूरी दी गई है.
इस फैसले से राज्य सरकार पर प्रतिवर्ष 105 करोड़ 21 लाख 63 हजार रुपए का अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ेगा. यूपी विधानसभा में गुरुवार को इस मुद्दे पर विस्तृत चर्चा हुई, जिसके बाद संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने "मंत्री सुख सुविधा विधेयक" को प्रस्तावित किया.
विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना की ओर से इसे पारित किया गया. यह मानदेय वृद्धि अगस्त 2016 के बाद पहली बार की गई है. विधानसभा समिति ने विधायकों और मंत्रियों के वेतन के साथ-साथ पूर्व विधायकों की पेंशन और भत्तों में भी बढ़ोतरी के प्रस्ताव पर अपनी सहमति दी.
इस संशोधन में यात्रा भत्ता, आवास भत्ता और अन्य सुविधाओं को भी शामिल किया गया है, जिससे जनप्रतिनिधियों को बेहतर कार्य करने में सहायता मिलेगी. संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने इस फैसले को जनप्रतिनिधियों की जिम्मेदारियों और बढ़ती महंगाई के मद्देनजर जरूरी बताया. उन्होंने कहा कि यह कदम विधायकों और मंत्रियों को अपनी जिम्मेदारियों को और बेहतर ढंग से निभाने में मदद करेगा.
पूर्व विधायकों-मंत्रियों की पेंशन भी बढ़ी : सुरेश खन्ना ने बताया कि विधानपरिषद के सदस्य को 6 वर्ष पूर्ण करने पर 2 हजार प्रतिमाह की अतिरिक्त पेंशन दी जाएगी. प्रथम वर्ष के पश्चात प्रतिवर्ष 2 हजार बढ़ते रहेंगे. अगर किसी का कार्यकाल 6 माह या उससे ज्यादा है तो उसे एक पूरा वर्ष माना जाएगा. वहीं पारिवारिक पेंशन जो अब तक 25 हजार रुपये थे, वह 30 हजार कर दी गई है.
पूर्व विधायकों के लिए रेलवे कूपन प्रतिवर्ष 1 लाख रुपए का मिलता था. अब 1 लाख रुपए की जगह इसे डेढ़ लाख कर दिया गया है. इसमें रेल और हवाई जहाज के लिए 50 हजार रुपए और निजी वाहन के पेट्रोल डीजल के लिए 1 लाख रुपए रहेगा. अगर ये बच जाते हैं तो परिवर्तनीय रहेंगे.
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