उद्घाटन विवाद से शुरू हुई बहस अब चुनौती, कटाक्ष और ‘गीदड़ भभकी’ तक पहुंची
कटहल नाला पुल पर वाहनों की आवाजाही शुरू लेकिन राजनीति में अभी भी लगा हुआ है जाम
बलिया। कटहल नाला पुल का उद्घाटन भले ही चुपचाप हो गया हो, लेकिन इसकी गूंज अब पूरे जिले की राजनीति में सुनाई दे रही है। परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह और बसपा विधायक उमाशंकर सिंह आमने-सामने हैं—और यह मुकाबला अब सिर्फ पुल का नहीं, पकड़ और प्रतिष्ठा का हो गया है।
मंत्री का तीखा वार – "मैं किसी से डरने वाला नहीं"
👉महावीरी झंडा जुलूस में पहुंचे परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने विधायक के "पोल खोलने" वाले बयान पर सीधा हमला बोला।
👉दयाशंकर सिंह किसी से डरने वाला नहीं है। अगर उमाशंकर सिंह के पास मेरे खिलाफ भ्रष्टाचार या किसी भी तरह का सबूत है, तो उसे सार्वजनिक करें," मंत्री ने चुनौती दी।
👉उन्होंने आरोप लगाया कि विधायक जनता को गुमराह कर रहे हैं और विधानसभा सत्र में मुद्दा उठाने की बजाय "माहौल बनाने" की कोशिश कर रहे हैं।
👉उमाशंकर की धमकी को मंत्री ने "गीदड़ भभकी" बताते हुए कहा कि वे सच्चाई से पीछे नहीं हटेंगे।
विधायक का पलटवार – "सोचें, उनकी क्यों नहीं सुनी जा रही"
बसपा विधायक उमाशंकर सिंह ने मंत्री की चुनौती का करारा जवाब दिया।
👉अगर मैं आरोप लगाने लगूं तो कहीं छुपने की जगह नहीं मिलेगी।
👉उन्होंने कहा कि चूंकि पुल नेशनल हाईवे का है, इसलिए मंत्री को भारत सरकार से पूछना चाहिए कि उद्घाटन कैसे हो गया।
👉कटाक्ष करते हुए बोले—उन्हें सोचना चाहिए कि उनकी क्यों नहीं सुनी जा रही और अपने प्रभाव को बनाए रखना चाहिए।
👉अंत में इशारों-इशारों में मंत्री के कामकाज पर सवाल उठाते हुए जोड़ा—अब वक्त है आत्ममंथन का, जनता सब देख रही है।
जनता का नजरिया
स्थानीय लोग पुल के खुलने से खुश हैं लेकिन सियासी जंग पर हंसते भी हैं। "हमारे लिए पुल खुलना जरूरी था, अब ये किसने खोला—ये नेता लोग तय करें," एक दुकानदार ने चुटकी ली।
पुल पर ट्रैफिक सुचारू, राजनीति में जाम
कटहल नाला पुल अब सिर्फ एक सड़क नहीं, बल्कि बलिया की राजनीति में शक्ति-प्रदर्शन का मंच बन चुका है। पुल से गाड़ियां निकल रही हैं, लेकिन नेताओं के बीच बयानबाजी का जाम अभी खुलने का नाम नहीं ले रहा।
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