*सेनानी आश्रितों के प्रमाण पत्र और पेंशन मामलों की होगी जांच*
*सेनानी आश्रितों को दोबारा प्रमाण पत्र जारी करने पर लगेगा विराम*
बलिया। स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के आश्रितों को प्रमाण पत्र एवं पेंशन जारी करने के सम्बंध में मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई। जिसमें आवेदनकर्ताओं की स्थिति, दस्तावेजों की जांच और प्रक्रिया की पारदर्शिता को लेकर गहन समीक्षा की गई।
जिलाधिकारी ने बताया कि अब तक 11 स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के 18 परिवारों ने प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया है। इस पर उन्होंने संबंधित अभिलेखों की गहनता से जांच की और सेनानियों के आश्रितों से व्यक्तिगत रूप से विस्तृत जानकारी भी ली।साथ ही उन्होंने सेनानी सूरज भारद्वाज, जिन्हें 17 मार्च 1973 को स्वतंत्रता संग्राम सेनानी घोषित किया गया था, से जुड़े दस्तावेजों के सत्यापन के लिए संबंधित रजिस्टर की मांग की। परंतु समय पर रजिस्टर प्रस्तुत न किए जाने पर उन्होंने सहायक वरिष्ठ कोषाधिकारी साधना पाण्डेय पर नाराजगी जताई और उन्हें कड़ी फटकार लगाते हुए निर्देश दिया कि यदि रजिस्टर तत्काल प्रस्तुत नहीं किया गया, तो आपके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि प्रत्येक आवेदन पत्र के साथ शपथ पत्र अनिवार्य रूप से लिया जाए और पूरी प्रक्रिया की कड़ाई से जांच की जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि जिस आश्रित को एक बार प्रमाण पत्र जारी हो चुका है, उसे दोबारा प्रमाण पत्र नहीं दिया जाएगा। सभी उप जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि यदि किसी भी स्थिति में गलत तरीके से प्रमाण पत्र जारी होता है और जांच के दौरान पकड़े जाने पर संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध कठोर कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। साथ ही जिलाधिकारी ने सेनानी आश्रितों को निर्देशित करते हुए कहा कि सेनानी कब घोषित हुए और कब पेंशन लागू हुआ उससे संबंधित अन्य दस्तावेज भी प्रस्तुत किया जाए तभी प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा। उन्होंने एडीएम अनिल कुमार गुप्ता को निर्देश दिए कि सभी सेनानियों के अभिलेखों की कड़ाई से जांच की जाए और केवल उन्हीं को पेंशन एवं प्रमाण पत्र जारी किया जाए, जिनके दस्तावेज सत्य पाए जाएं।
बैठक में एडीएम अनिल कुमार गुप्ता, सीआरओ त्रिभुवन सिंह, वरिष्ठ कोषाधिकारी, समस्त एसडीएम तथा स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिजन आदि उपस्थित रहे।
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