जम्मू-कश्मीर में बादल फटने के बाद आया सैलाब, अब तक 56 की मौत, सैकड़ों लापता


किश्तवाड़ जिले के चशोती गांव में गुरुवार दोपहर बादल फटने के बाद अचानक आई बाढ़ से भारी तबाही हुई है। हादसे में दो सीआरपीएफ जवानों सहित 56 लोगों की मौत हो गई।

जम्मू-कश्मीर में किश्तवाड़ जिले के चशोती गांव में गुरुवार दोपहर बादल फटने के बाद अचानक आई बाढ़ से भारी तबाही हुई है। हादसे में दो सीआरपीएफ जवानों सहित 56 लोगों की मौत हो गई। 100 से ज्यादा घायल हैं, जबकि 200 से ज्यादा लापता बताए जा रहे हैं। मृतकों का आंकड़ा बढ़ने की आशंका है।

हादसे के समय काफी श्रद्धालु थे मौजूद

किश्तवाड़ शहर से करीब 90 किमी दूर चशोती गांव मचेल माता मंदिर मार्ग पर है और इसे श्रद्धालु बेस कैंप की तरह इस्तेमाल करते हैं। साढ़े नौ हजार फुट की ऊंचाई पर स्थित मचैल माता मंदिर जाने के लिए यहां से 8.5 किमी की पैदल चढ़ाई शुरू होती है। हादसे के वक्त बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां टैंटों में रुके हुए थे, कुछ रास्तों में थे। बादल फटने के बाद अचानक आए सैलाब ने लोगों को संभलने का मौका ही नहीं दिया। चशोती की तस्वीरें देख लग रहा है, जैसे किसी ने धरती चीर दी हो। दूर-दूर तक मलबा फैला है, जिसमें गाड़ी, बाइक, घर, दुकान हर जगह तबाही के मंजर दिख रहे हैं।

वार्षिक भादूं मेले में जुट रहे थे श्रद्धालु

किश्तवाड़ प्रशासन की वेबसाइट के अनुसार पद्दार घाटी का मचैल गांव ’चंडी माता’ के मंदिर के बड़ा धार्मिक स्थल है। हर साल पहली भादों या भादूं संक्रांति को (15-16 अगस्त के आसपास) जब मंदिरों के कपाट खुलते हैं तो मचैल स्थित चंडी माता मंदिर पर बड़ा मेला लगता है, जहां पद्दार और आसपास के लोग देवी की पूजा करते हैं।






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