विद्यालय खुलने पर स्वच्छता, सुरक्षा और भोजन की गुणवत्ता पर विशेष निगरानी : बीएसए ने जारी किये सख्त निर्देश



👉मध्यान्ह भोजन में शुद्धता और स्वच्छता अनिवार्य

👉खुले में भोजन पकाने पर पूर्ण रोक

👉खाने से पहले वयस्क द्वारा अनिवार्य स्वाद परीक्षण

👉पेयजल की गुणवत्ता की तिमाही जांच का निर्देश

👉विद्यालय की दीवारों पर आपातकालीन नम्बर अंकित कराना अनिवार्य

👉लापरवाही पर प्रधानाध्यापक व बीईओ पर होगी कड़ी कार्रवाई

👉बच्चों की शत-प्रतिशत उपस्थिति और ड्रेस का विशेष ध्यान

बलिया। ग्रीष्मावकाश के पश्चात विद्यालयों के पुनः खुलने पर बच्चों की सुरक्षा, स्वास्थ्य और पोषण को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) मनीष कुमार सिंह ने समस्त खण्ड शिक्षा अधिकारियों को सख्त दिशा-निर्देश जारी किये हैं।

बीएसए ने कहा कि मध्यान्ह भोजन योजना शासन की अत्यंत महत्वपूर्ण योजना है, जिसके सफल संचालन के लिए स्वच्छता, गुणवत्तापूर्ण भोजन और सुरक्षा सुनिश्चित करना अनिवार्य है। सभी विद्यालयों में बच्चों की शत-प्रतिशत उपस्थिति और निर्धारित ड्रेस में उपस्थिति सुनिश्चित की जाये। मध्यान्ह भोजन मेन्यू के अनुसार ही बने तथा भोजन पकाने और परोसने की हर प्रक्रिया में स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाये।

उन्होंने स्पष्ट किया कि भोजन केवल विद्यालय में बने रसोईघर में ही पकाया जायेगा, किसी भी दशा में खुले में या अस्वच्छ स्थान पर भोजन पकाने की अनुमति नहीं दी जायेगी। भोजन बनाने में मानक सामग्री—आयोडीन युक्त नमक, एगमार्क मसाले, सीलबन्द तेल और अच्छे ब्राण्ड का घी/तेल ही प्रयोग किया जाये। मसालों को एयरटाइट डिब्बों में ही रखा जाये।

खाना परोसने से पूर्व अनिवार्य रूप से एक वयस्क (अध्यापक, विद्यालय प्रबन्ध समिति का सदस्य या अन्य अभिभावक) भोजन की गुणवत्ता जांचने के लिए उसे चखे। इसके लिए एक रोस्टर तैयार कर उसकी प्रविष्टियां रजिस्टर में अंकित की जायें तथा हस्ताक्षर भी कराये जायें। यदि कोई व्यक्ति अनुपस्थित हो, तो अन्य अधिकृत व्यक्ति द्वारा भोजन की जांच अवश्य कराई जाये।

बीएसए ने निर्देशित किया कि बच्चों को खाना खाने से पूर्व साबुन से हाथ धुलवाना सुनिश्चित किया जाये और साफ बर्तनों में ही भोजन परोसा जाये। हर कार्य दिवस में पका हुआ भोजन विद्यालय बन्द होने तक सुरक्षित रखा जाये।

पेयजल की शुद्धता के लिए विद्यालय परिसर में हैण्डपम्प की साफ-सफाई एवं निकासी व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया जाये तथा हर तिमाही में पानी की गुणवत्ता की जांच कर उसका रिकार्ड सुरक्षित रखा जाये। संक्रमित जल पाए जाने पर त्वरित उपचारात्मक कार्यवाही की जाए। विद्यालयों में सोख्ता गड्डा बनाकर गंदे पानी के सुरक्षित निपटान की भी व्यवस्था की जाये।

बीएसए ने यह भी स्पष्ट किया कि विद्यालय की प्रमुख दीवार पर जिलाधिकारी, पुलिस, स्वास्थ्य, शिक्षा विभाग एवं आकस्मिक स्वास्थ्य सेवा (108) तथा मध्यान्ह भोजन प्राधिकरण की शिकायत सम्बन्धी टॉल-फ्री नम्बर (18001800666) अनिवार्य रूप से अंकित कराये जायें। आकस्मिक स्थितियों में तत्परता से अन्तविभागीय समन्वय स्थापित किया जाये।

उन्होंने चेतावनी दी कि मेन्यू व मानक के विपरीत भोजन बनाये जाने पर या किसी प्रकार की लापरवाही पाये जाने पर खण्ड शिक्षा अधिकारी एवं विद्यालय के प्रधानाध्यापक को प्रथम दृष्टया दोषी मानते हुए नियमानुसार कठोर कार्रवाई की जायेगी।

बीएसए ने सभी खण्ड शिक्षा अधिकारियों से कहा है कि निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करते हुए बच्चों की सुरक्षा व स्वास्थ्य के प्रति कोई कोताही न बरती जाये।




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