👉 गणित विषय में एमएससी और पीएचडी एक साथ करेंगे
👉तीन साल तक ₹12,500 मासिक फेलोशिप, फिर नेट-जेआरएफ
👉 देशभर से केवल दस विद्यार्थियों का चयन
👉नागाजी स्कूल से पढ़ाई की शुरुआत, दिल्ली विश्वविद्यालय और हैदराबाद विश्वविद्यालय में भी दिखाया हुनर
👉 परिवार के मार्गदर्शन को सफलता का श्रेय
बलिया। शहर से सटे जीराबस्ती निवासी बंकेश तिवारी के पुत्र विश्वेश तिवारी ने शिक्षा के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि हासिल की है। उन्हें तिरुवनंतपुरम स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च (IISER) में गणित विषय में इंट्रीग्रेटेड पीएचडी कोर्स में दाखिला मिला है। इस उपलब्धि से परिवार समेत पूरे इलाके में हर्ष का माहौल है।
विश्वेश यहां एमएससी और पीएचडी दोनों एक साथ करेंगे। पढ़ाई के दौरान उन्हें सरकार की ओर से पीएचडी शुरू होने से पहले तीन वर्षों तक प्रति माह ₹12,500 की फेलोशिप दी जाएगी। इसके बाद नेट-जेआरएफ के तहत फेलोशिप मिलने लगेगी। गौरतलब है कि IISER तिरुवनंतपुरम देश के पांच प्रतिष्ठित आईआईएसईआर संस्थानों में शामिल है, जो भारत सरकार के मानव संसाधन मंत्रालय द्वारा प्रायोजित है। यहां दाखिले के लिए IIT संयुक्त प्रवेश परीक्षा या किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना (KVPY) पास करना अनिवार्य होता है।
प्रारंभिक शिक्षा बलिया से शुरू हुई
विश्वेश की प्रारंभिक शिक्षा बलिया में हुई। उन्होंने नागाजी स्कूल, माल्देपुर से हाईस्कूल व इंटरमीडिएट अच्छे अंकों से उत्तीर्ण किया। इसके बाद दिल्ली विश्वविद्यालय के शिवाजी कॉलेज से बीएससी पूरी की। वर्तमान में वे हैदराबाद विश्वविद्यालय से एमएससी कर रहे थे, इसी दौरान उनका चयन IISER तिरुवनंतपुरम में हो गया। इसके अलावा उनका चयन इंदौर IIT और IISER भोपाल में भी हुआ था, लेकिन अब वे इंट्रीग्रेटेड पीएचडी करेंगे।
इस कोर्स में पूरे भारत से मात्र दस विद्यार्थियों का चयन हुआ है। बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि के विश्वेश ने अपनी सफलता का श्रेय कठिन परिश्रम, निरंतर अध्ययन और परिवार के मार्गदर्शन को दिया है।
उन्होंने कहा कि—“मेरे मामा-मामी, जो IIIT दिल्ली में प्रोफेसर हैं और मेरे मामा, जो DRDO दिल्ली में वरिष्ठ वैज्ञानिक हैं, उनके प्रेरणादायी सहयोग से यह मुकाम हासिल कर सका हूं।”
विश्वेश की इस उपलब्धि से उनके दादा-दादी, मां रीता तिवारी, बहन स्वधा तथा आसपास के सभी लोग गौरव से अभिभूत हैं।
0 Comments