बलिया : तबला सम्राट पद्मभूषण पं सामता प्रसाद मिश्र जी की याद में श्रद्धांजलि सभा का हुआ आयोजन


*पं. केपी मिश्र मेमोरियल संगीत विद्यालय में आयोजित हुई गोष्ठी*

बलिया: तबला सम्राट पद्मभूषण सामता प्रसाद मिश्र उर्फ गुदई महाराज जी की 31वीं पुण्यतिथि के अवसर पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन पं० के० पी० मिश्र मेमोरियल संगीत विद्यालय रामपुर के प्रांगण में हुआ। सर्वप्रथम गुदई महाराज जी के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलन व माल्यार्पण कर सभी संगीत विद्यार्थियों ने उनको याद किया। 


सभा की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ साहित्यकार डा भोला प्रसाद आग्नेय ने कहा कि सामता प्रसाद मिश्र अपने तबला के रियाज के बल पर तबला सम्राट कहलाए। उनका तबला भारतीय संगीत एवं फिल्मी जगत में भी अत्यंत सराहा गया। मेरी सूरत तेरी आंखें 1963, शोले 1975) सहित कई फिल्मों एवं फिल्मी संगीतकार राहुल देव बर्मन और बप्पी लहरी उनके शिष्य रहे। उन्होंने अपने तबला वादन को जन जन तक पहुंचाया। 1979 में संगीत नाटक अकादमी 1991 में भारत सरकार द्वारा पद्मभूषण से भी सम्मानित किया गया। 


श्रद्धांजलि सभा में इमामुद्दीन खान ने सोलो वादन से श्रद्धांजलि अर्पित किया। हारमोनियम पर शिवम मिश्र ने संगत किया। इसके बाद सामूहिक स्वर में भजन ‘बनवारी रे जीने का सहारा’ प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम को एक नई दिशा देते हुए  श्री धनंजय पांडे ने अपनी रचना ‘चांद से उतरती है चांदनी’ प्रस्तुत किया। 


इसी क्रम में दिव्यांश,परितोष त्रिपाठी, शौर्य सिंह, जितेंद्र कुमार, तुलसी, निर्मल, नरेंद्र, अमृत, शताक्षी, निर्मल, तान्या, करन, दिव्यांशी, रीना देवी, आदर्श दीप,सत्यम, शाश्वत, पृथ्वी, सत्यक्तृत, यशवंत, ज्योति सिंह, वैष्णवी, रानी, आरती, नंदिनी इत्यादि ने अपनी अपनी प्रस्तुति देकर सामता प्रसाद जी को श्रद्धांजलि अर्पित किया। इस अवसर पर संगीत की क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान हेतु इमामुद्दीन खान, धनंजय पांडे एवं यशवंत सिंह को अंग वस्त्रम तथा सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया गया। अंत में पं.केपी मिश्र मेमोरियल संगीत विद्यालय के सचिव पं.राजकुमार मिश्र ने सभी  के प्रति आभार व्यक्त किया।



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