बलिया : गोद लिए गए टीबी मरीजों में हो रहा सुधार : डीटीओ

 


मिल रहा नियमित पोषण और भावनात्मक सहयोग

जनपद में 3373 टीबी मरीजों में से 1988 मरीज हुए ठीक

संवाददाता - कृष्णकांत पांडेय 

बलिया, 21 मार्च 2023। प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के आह्वान पर जनवरी 2022 से अब तक जनपद में विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं की ओर से 3373 टीबी मरीज गोद लिए जा चुके हैं। इसके सापेक्ष 1988 टीबी मरीज ठीक हो चुके हैं, बाकी मरीजों का इलाज चल रहा है। यह जानकारी जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ० आनन्द कुमार ने दी।  

उन्होंने बताया कि जिन स्वयंसेवी संस्थाओं ने टीबी मरीजों को गोद लिया है वह हर माह उन्हें पुष्टाहार उपलब्ध कराते हैं। इसके साथ ही उन्हें भावनात्मक सहयोग प्रदान करते हैं और सम्पूर्ण उपचार के लिए प्रेरित करते हैं कि टीबी मुक्त भारत बनाने के लिए वह अकेले नहीं हैं हम सब भी उनके साथ हैं।

जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि टीबी मरीजों को मिली भावनात्मक सहयोग, पुष्टाहार और दवा का असर हो रहा है। टीबी मरीजों में तेजी से सुधार हो रहा है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष अभी तक 466  टीबी मरीजों को गोद लिया गया है। जिले की 24 समाजसेवी व अन्य संस्थाओं, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी तथा जिला स्तरीय अधिकारी व अन्य कर्मचारियों ने उन्हें गोद लिया है। गोद लिये गये टीबी मरीजों को लगातार पोषण आहार वितरित किया जा रहा है। समय-समय पर स्वयंसेवी संस्थाएं उनके घर पर जाकर उनका हौसला बढ़ाने के साथ यह भी जानकारी ले रही हैं कि वह पुष्टाहार और दवा का ठीक से सेवन कर रहे हैं या नहीं।

क्या कहा गोद लिये हुए मरीज़ों ने :- 

सिकंदरपुर निवासी 65 वर्षीय लाल बचन पासवान ने बताया कि उन्हें स्वयंसेवी संस्था अमर शहीद संस्थान ने गोद लिया है। संस्था लगातार पोषण आहार प्रदान कर रहीं है। समय-समय पर संस्था के लोग उनसे मिलकर उनकी समस्याएं जानने का प्रयास करते हैं उसके बाद समस्याओं का निराकरण करते हैं लगातार दवा एवं पौष्टिक आहार लेने का सुझाव भी देते हैं।

सिकंदरपुर निवासी 52 वर्षीय श्रीमती सुधा प्रजापति का कहना है कि विभाग की ओर से उनका उपचार किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग व स्वंय सेवी संस्था हर माह उनका हालचाल लेती  हैं और टीबी के खिलाफ लड़ाई में उनका हौसला बढ़ा रहे हैं।

लीलकर निवासी 52 वर्षीय श्रीमती पार्वती देवी का कहना है कि जब से टीबी की बीमारी हुई है तब से विभाग लगातार उनका उपचार कर रहा है। सामाजिक संस्था से हर माह पोषण आहार मिल रहा है और लगातार उनसे संपर्क कर उनका हालचाल जाना जाता है। संस्था द्वारा प्रति माह उनसे घर पर विजिट करके हालचाल लिया जाता है एवम पोषण सामग्री पहुंचाई जाती है। साथ ही साथ बताया जाता है की नियमित रूप से दवा का सेवन करके बिल्कुल स्वस्थ हुआ जा सकता है।



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