संवाददाता कृष्णकांत पांडेय
बलिया। विश्व क्षय रोग दिवस (24 मार्च) की पूर्व संध्या पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के सभागार में गुरुवार को जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ० आनन्द कुमार के अध्यक्षता में गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस मौके पर वर्ष 2025 तक टी०बी० रोग को देश से ख़त्म करने का संकल्प भी दोहराया गया। गोष्ठी में औषधि निरीक्षक, दवा विक्रेता संघ के अध्यक्ष एवं समस्त दवा विक्रेता शामिल रहे।
इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी ड़ॉ० जयन्त कुमार ने कहा कि टीबी लाइलाज बीमारी नहीं है। जनपद में टीबी के मरीजों का बेहतर इलाज सरकारी चिकित्सालय में किया जा रहा है। सबसे खास यह है कि मरीज को अपना सम्पूर्ण इलाज कराना होगा यदि एक भी दिन वह दवा खाने से चूकता है तो यह उसके लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है।
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ०आनन्द कुमार ने कहा कि दो हफ्ते से खांसी और बुखार आना टीबी रोग का प्रमुख लक्षण हैं | इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। वहीं जिन्हे दो हफ्ते से अधिक खांसी आ रही हो या खाँसने पर बलगम के साथ खून आ रहा हो तो उन्हें तत्काल जिला टीबी चिकित्सालय में अपने बलगम की जाँच करानी चाहिए।
उन्होंने बताया कि समय से रोग का पता चल जाने से टीबी को ठीक किया जा सकता है।
इसके साथ ही जिला क्षय रोग अधिकारी ने ग्रामीण इलाकों में कार्य कर रही आशा कार्यकर्ताओं की मदद से संदिग्ध टीबी मरीजों को समय से चिकित्सालय पहचानें और उनका इलाज कराए जाने के लिए कहा। वहीं डॉट्स प्रोवाइडरों से कहा कि वह अपनी मौजूदगी में दवा लिखाएं।
इस दौरान बताया गया कि यदि कोई मरीज किसी वजह से बाहर जाता है तो सम्बन्धित चिकित्सालय से कार्ड लेकर रेफर बनवा लें ताकि कहीं भी जाने पर उसे दवाएं उपलब्ध हो सकें। मरीजों का खानपान अच्छा रखने के लिये उनके खाते में निश्चय पोषण योजना के तहत 500 रूपये की धनराशि भी प्रतिमाह दी जा रही है।
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ० आनंद कुमार ने बताया कि जिले में करीब 3071टीबी मरीज पंजीकृत हैं। इसमें 100 मल्टी ड्रग रेजिस्टेंट (एमडीआर) के मरीज हैं। जिले में अभी 35 डीएमसी, दो सीबी नाट लैब और दो ट्रू नाट लैब है।
इस अवसर पर डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर आशीष सिंह, डिस्ट्रिक्ट पीपीएम कोऑर्डिनेटर विवेक सिंह, रेडक्रॉस सोसाइटी से शैलेंद्र पाण्डेय एवं राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के समस्त कर्मचारी उपस्थित थे।
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