बलिया : कड़ी मेहनत से बनाया ऐसा मुकाम, अब हर जुबां पर है नाम

 


-बेहतरीन कार्य के चलते आशा कार्यकर्ता रीना शर्मा अपने कार्य क्षेत्र में है लोकप्रिय

संवाददाता-कृष्णकांत पांडेय 

बलिया,14 फरवरी 2023। “जो अपनी जुबां से अपनी मेहनत का ज़िक्र नहीं करते उनका ज़िक्र एक दिन सबकी जुबां पर होता है” कुछ ऐसा ही कर दिखाया है आशा कार्यकर्ता रीना शर्मा ने। समाज की कुरीतियों और परंपरागत सोच से अलग हटकर आशा कार्यकर्ता रीना शर्मा ने कड़ी मेहनत से ऐसा मुकाम बनाया कि आज वह अपने कार्य क्षेत्र में काफी लोकप्रिय है।


रीना बताती हैं कि अपने परिवार और समाज का जीवन स्तर बेहतर बनाने की उनमें शुरू से ही प्रबल इच्छा थी। वर्ष 2006 में उनका चयन जब आशा कार्यकर्ता के रूप में हुआ तो उन्हें आगे बढ़कर कुछ करने के साथ ही अपने सपनों को साकार करने का मौका मिला। तब उन्होंने दृढ़ निश्चय किया कि घर-परिवार और अपने गांव की हालत बदल कर रहूंगी। उन्होंने काम शुरू किया, तो सामने लोगों में जागरूकता की कमी, महिलाओं की स्वास्थ्य के प्रति उदासीनता, अंधविश्वास, टीकाकरण नहीं कराना, घर पर प्रसव को पसंद करने जैसी बड़ी चुनौतियां थीं। उन्होंने सबसे पहले साफ़-सफाई के बारे में गांव वालों को जागरुक किया। जब थोड़ा बदलाव आया, तो मेहनत सफल होती दिखी। अगले कदम के रूप में कार्यक्षेत्र गंगापुर में स्वास्थ्य जागरूकता शिविर का आयोजन कर लोगों को टीकाकरण का महत्व समझाया। पहली बार जागरूकता शिविर के लिए घर-घर जाकर लोगों को इकठ्ठा किया। निरंतर प्रयास करते रहने से अब प्रत्येक बुधवार और शनिवार को आयोजित होने वाले ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण दिवस (वीएचएसएनडी) व अन्य शिविरों में लोग खुद भी पहुंचने लगे हैं। जहां से सभी के स्वास्थ्य की जांच, बच्चों को टीके, किशोरियों और गर्भवती को सेहत की बातें बताने में आसानी हुई हैं।

सूझबूझ से बचाई माँ-बच्चे की जान :- 

रीना शर्मा बताती हैं कि उनके कार्यक्षेत्र में एक मंद बुद्धि की गर्भवती थी। गर्भावस्था के पहले-दूसरे महीने में वह महिला अपने मायके चली गयी, जिस वजह से उसकी जरूरी जांचें नहीं हो पायीं और बच्चा ख़राब हो गया। इसकी जानकारी जब उन्हें मिली, तो उन्हें बहुत दुःख हुआ। जब वह महिला दोबारा गर्भवती हुयी, तो उसके पति और जेठानी को बार-बार प्रेरित कर उसकी प्रसव पूर्व की चार जांचें करवाई, हीमोग्लोबिन कम होने पर आयरन-सुक्रोज चढ़वाया और आयरन-फोलिक एसिड गोली का सेवन कराने के लिए उसका नियमित फॉलोअप किया। उस महिला का प्रसव दिसम्बर में जिला महिला अस्पताल में हुआ। जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ हैं।

वह बताती हैं कि उनके कार्यक्षेत्र गंगापुर में कुछ परिवार ऐसे थे, जो अपने बच्चों को टीका लगवाने के लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं होते थे। ऐसे में मैंने उन परिवारों का नियमित फॉलोअप किया, उन्हें टीकाकरण कराने से होने वाले फायदों और न कराने से होने वाली जानलेवा बीमारियों के बारे में बताया उनके सामने आसपास के दूसरे बच्चों की मिशाल रखी, उन्हें टीका लगा और वह पूरी तरह स्वस्थ हैं। आज नतीजा यह है कि लगभग सभी परिवार अपने बच्चों को टीका लगवाने के लिए सत्र स्थल पर खुद पहुँचते हैं। 

स्वास्थ्य आंकड़ों में आया सुधार :- 

बीसीपीएम संजय यादव का कहना है कि रीना शर्मा के प्रयास और सहयोगात्मक पर्यवेक्षण से उनके कार्यक्षेत्र के स्वास्थ्य आंकड़ों में बेहद सुधार आया है। पहले जहाँ 38 फ़ीसदी गर्भवती महिलाओं का ही चिन्हांकन हो पता था। वह अब बढ़कर 62 फ़ीसदी तक पहुँच गया है। शून्य से 5 वर्ष तक के बच्चों का टीकाकरण की दर 45 से बढ़कर 85 फ़ीसदी, संस्थागत प्रसव 25 से बढ़कर 36, पूर्ण प्रतिरक्षण 35 से बढ़कर 49 हुआ है। इसके अलावा पहले जो परिवार टीकाकरण नहीं करवाते थे, वहीं टीकाकरण कराने लगे हैं। इसी प्रकार महिला नसबंदी में इनका बहुत सहयोग रहा है। इनका कार्य बहुत अच्छा रहता है अपने क्षेत्र में घर-घर जाकर 0 से 5 साल के बच्चों को एवं एचबीएनसी विजिट के दौरान बच्चे का वजन, तापमान, स्तनपान के महत्व, मां के खान पान के बारे में, बच्चों की देखरेख एवं खानपान के बारे मे, बच्चे को कौन कौन सी परेशानी हो सकती हैं यह सब घर-घर भ्रमण कर वह बताती है। फाइलेरिया, कालाजार, कुष्ठ रोगके बारे में भी लोगों को जागरूक करती हैं साथ ही आयुष्मान कार्ड बनवाने में इनकी भूमिका महत्वपूर्ण है। सभी कार्यक्रम को सफल बनाने में उनका उद्देश्य रहता है कि हर घर के लोगों को जागरूक करके इसका लाभ दिलाएं और इसके बारे में जानकारी दें।

काम के प्रति लगन और मेहनत देखकर कोरोना काल में बेहतर प्रदर्शन के लिए उन्हें बेलहरी ब्लॉक के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सोनवानी में प्रथम स्थान के पुरस्कार से सम्मानित किया गया और पुरुष नसबंदी के लिए बेलहरी ब्लॉक के अंतर्गत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सोनवानी के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी, बीपीएम, बीसीपीएम के द्वारा सम्मानित किया गया। रीना बताती है की अब मुझे गाँव और आसपास के लोगों से सम्मान और इज्जत मिलती है। जिससे मुझे भी बहुत खुशी होती है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सोनवानी के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ० मुकर्रम अहमद ने बताया कि आशा रीना शर्मा का कार्य बहुत ही अच्छा है। क्षेत्र में भी वो काफी लोकप्रिय हैं।



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