बलिया जनपद में अब तक 21 लाख 41 हज़ार 654 लाभार्थियों को खिलाई जा चुकी है फाइलेरिया से बचाव की दवा


● स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान मे लोक कलाकार लोगों को कर रहे जागरूक 

● एमडीए राउंड के दौरान आयोजित नुक्कड़ नाटक से प्रभावित होकर एवं दवा सेवन के फायदे जानकर मंचन स्थल पर ही 128 लोगों ने दवा खायी

संवाददाता:- कृष्णकांत पांडेय 

बलिया, 23 फ़रवरी 2023 - फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत लोगों को जागरूक करने के लिए विभिन्न गतिविधियां आयोजित की जा रही हैं। इसी क्रम में गुरुवार को स्वास्थ्य विभाग के तत्वाधान मे लोक कलाकारों ने सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) संस्था के सहयोग से विभिन्न स्थानों पर फाइलेरिया से बचाव के लिए चलाये जा रहे सर्वजन दवा सेवन (एमडीए राउंड) अभियान के बारे में लोगों को जागरूक किया। 


कलाकारों ने जिला अस्पताल मे मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ० दिवाकर सिंह एवं जिला मलेरिया अधिकारी सुनील कुमार यादव के नेतृत्व में एवं रसड़ा तहसील के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रसड़ा, थाना रोड, शारदा चित्र मन्दिर पर सहायक जिला मलेरिया अधिकारी नीलोत्पल कुमार के नेतृत्व में नुक्कड़ नाटक के जरिए समुदाय को फाइलेरिया के लक्षण बताने के साथ ही उससे बचाव के तरीकों और 27 फरवरी तक चलने वाले एमडीए राउंड के दौरान निश्चित रूप से दवा सेवन का संदेश अपने अनोखे अंदाज में दिया। कलाकारों ने यह भी बताया कि एक साल से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती और गंभीर बीमारी से ग्रसित लोगों को छोड़कर यह दवा हर किसी को खानी है। 


“सुनो रे भैया, सुनो रे बहना, सुनो रे दादा, सुनो रे अम्मा… बात पते की आज तुम्हें बताने आया हूं…हो जाओ सावधान - तुम्हें जगाने आया हूं.... हाइड्रोसील और हाथी पांव फाइलेरिया की निशानी है…कर देता है जीवन मुश्किल, यही इसकी कहानी है…।” इस गीत के जरिए जब कलाकारों ने नुक्कड़ नाटक की शुरुआत की तो उत्सुकता के साथ बड़ी संख्या में लोग वहाँ इकठ्ठा हो गए। नाटक के जरिए फाइलेरिया की गंभीरता को समझा और हर साल एमडीए राउंड में खिलाई जाने वाली दवा की उपयोगिता को भी जाना ।कलाकारों ने संदेश में यह भी बताया कि इन दवाओं के सेवन से कोई दुष्प्रभाव नहीं होता है। दवा सेवन के बाद उल्टी, चक्कर, खुजली या जी मिचलाने जैसे लक्षण नजर आयें तो किसी भी तरह से घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि यह इस बात का प्रतीक है कि उस व्यक्ति के शरीर में फाइलेरिया के परजीवी मौजूद हैं परजीवियों के मरने के कारण ऐसे लक्षण उत्पन्न होते हैं। साल में केवल एक बार लगातार पांच साल तक फाइलेरिया रोधी दवाएं खाने से फाइलेरिया की बीमारी से बचा जा सकता है। कलाकारों की प्रस्तुति को दर्शकों ने सराहा और भरोसा दिलाया कि अभियान के तहत घर-घर पहुंचकर खिलाई जाने वाली दवा डी ई सी और एल्बेंडाजॉल का सेवन वह आशा कार्यकर्ता के सामने खुद करेंगे और परिवार व आस-पास के लोगों को भी इसके लिए प्रेरित करेंगे। नाटक के दौरान विभिन्न मंचन स्थलों पर ही अब तक 128 लोगों ने दवा सेवन किया एवं अपने परिवारों को भी खिलाने की प्रतिज्ञा ली।


जिला मलेरिया अधिकारी सुनील कुमार यादव ने बताया कि जनपद में अब तक 21 लाख, 41 हज़ार, 654 लाभार्थियों को फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन कराया जा चुका है।


जिला मलेरिया अधिकारी ने जनपदवासियों को अवगत कराते हुए अपील की कि सभी पात्र लाभार्थी 27 फरवरी तक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के सामने ही दवाओं का सेवन अवश्य कर ले। जिससे हम जनपद को फाइलेरिया मुक्त बना सकें।

नुक्कड़ नाटक को आकार फाउंडेशन के शाश्वत शुक्ला, दानिश अली अंसारी, दीपक, हन्नू, प्रदुम्न उपाध्याय, हिमेश ने प्रस्तुत किया।



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