बलिया : नेग्लेक्टेड ट्रॉपिकल डिजीज दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित

 


 ●फाइलेरिया उन्मूलन के लिए 10 फरवरी से चलेगा एमडीए राउंड 

●फाइलेरिया नेटवर्क के सदस्यों ने भी लोगों को किया जागरूक

बलिया, 30 जनवरी 2023। नेग्लेक्टेड ट्रॉपिकल डिजीज (उपेक्षित बीमारियां) दिवस पर सोमवार को स्वास्थ्य विभाग के मार्गदर्शन में  सेंटर फार एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार)  के सहयोग से  पंदह ब्लॉक के चरवा - बरवा गांव मे जिला मलेरिया अधिकारी सुनील कुमार यादव की अध्यक्षता में जागरूकता गोष्ठी आयोजित हुई। इसके साथ ही जन जागरुकता के लिए रैली भी निकाली गई। 


इस अवसर पर जिला मलेरिया अधिकारी ने  डेंगू,  फाइलेरिया एवं कालाजार जैसी उपेक्षित बीमारियों के कारण, लक्षण ,बचाव के बारे में लोगों को जागरूक किया। इसके अलावा लोगों से अपील की गई कि मच्छरदानी का प्रयोग करें, कहीं जलजमाव न  होने दें और  साफ-सफाई रखें।


उन्होंने बताया कि फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत 10 फरवरी से 27 फरवरी तक मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) अभियान चलाया जायेगा। इस अभियान के अन्तर्गत लक्षित लाभार्थियों को फाइलेरिया से सुरक्षित रखने के लिए डी.ई.सी और एल्बेंडाजोल की निर्धारित खुराक घर-घर जाकर स्वास्थ्यकर्मी अपने सामने खिलाएंगे  एवं किसी भी स्थिति में दवा का वितरण नहीं किया जायेगा। यह दवा दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती  और अति गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों को छोड़कर सभी को  खिलाई जाएगी। सामान्य लोगों को इन दवाओं के खाने से किसी भी प्रकार के दुष्प्रभाव नहीं होते हैं। अगर किसी को दवा खाने के बाद उल्टी, चक्कर, खुजली या जी मिचलाने जैसे लक्षण होते हैं तो यह इस बात का प्रतीक है कि उस व्यक्ति के शरीर में फाइलेरिया के कीटाणु मौजूद हैं। यह सामान्य लक्षण हैं जो थोड़ी देर में अपनेआप ख़त्म हो जाते हैं।


जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि इस बीमारी से हाथ, पैर, स्तन  और अंडकोष में सूजन पैदा हो जाती है। सूजन के कारण फाइलेरिया प्रभावित अंग भारी हो जाता है और दिव्यांगता  जैसी स्थिति बन जाती है। प्रभावित व्यक्ति का जीवन अत्यंत कष्टदायक एवं कठिन हो जाता है क्योंकि  यह एक लाइलाज बीमारी है।   

उन्होंने बताया कि फाइलेरिया मच्छर के काटने से होने वाला एक संक्रामक रोग है जिसे सामान्यतः हाथीपाँव के नाम से भी जाना जाता है। इसके प्रभाव से पैरों व हाथों में सूजन, पुरुषों में हाइड्रोसील (अंडकोष में सूजन) और महिलाओं में स्तन  में सूजन की समस्या आती है। 

फाइलेरिया नेटवर्क की सदस्य एवं ग्राम प्रधान चड़वा बरवा रीना सिंह ने बताया कि एमडीए अभियान में साल में केवल एक बार फाइलेरिया रोधी दवा खाने से फाइलेरिया के संक्रमण से बचा जा सकता है। जबकि लगातार पांच साल तक साल में एक बार दवा खाने से इस रोग के होने से रोका या नियंत्रित किया जा सकता है। 

इसी क्रम में पंदह ब्लॉक के अंतर्गत प्राथमिक विद्यालय जेठवार नंबर-1 मे 50 स्कूली बच्चों एवं आसपास के लोगों को अभियान के दौरान फाइलेरिया रोधी दवा खाने के लिए जागरूक किया गया। 

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बसंतपुर में प्रशिक्षण ले रही नवनियुक्त एएनएम को फाइलेरिया उन्मूलन और एमडीए अभियान के लिए संवेदीकृत किया गया। इसी क्रम में वेक्टर बॉर्न डिजीज के नोडल अधिकारी डॉ अभिषेक मिश्रा के नेतृत्व में फाइलेरिया उन्मूलन अभियान (एमडीए) पर गोष्ठी  एवं जन जागरूकता रैली आयोजित की गयी।



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