बलिया : जनपद में 18 से 31 जनवरी तक होंगे ‘सास बेटा बहू सम्मेलन’

 


बलिया, 10 जनवरी 2023। परिवार कल्याण सेवाओं को सुदृढ़ीकरण करने के लिए विभिन्न प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में जनपद में 18 से 31 जनवरी तक सास-बेटा-बहू सम्मेलन आयोजित किया जाएगा।

उपकेंद्र स्तर पर होने वाले इस आयोजन के लिए अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी व परिवार कल्याण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ० सुधीर कुमार तिवारी ने सभी प्राथमिक/सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारियों को निर्देशित किया है कि ब्लॉक स्तर पर माइक्रोप्लान तैयार कर 16 जनवरी तक जिला कार्यक्रम प्रबंधक (डीपीएम) को उपलब्ध करा दें। पखवाड़े का आयोजन ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी के निर्देशन में आशा कार्यकर्ता और एएनएम संयुक्त रूप से उपकेंद्र पर करेंगी। जिन उपकेंद्रों को हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में परिवर्तित किया गया हैं वहां तैनात सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) भी इस आयोजन में सहयोग करेंगे। 

उन्होने बताया कि मिशन परिवार विकास कार्यक्रम के अंतर्गत आच्छादित जनपदों में वर्ष 2017-18 से आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से उपकेंद्र स्तर पर सास बहू सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। इस आयोजन का उद्देश्य सास और बहू के मध्य समन्वय और संवाद बेहतर कर प्रजनन स्वास्थ्य के प्रति पुरानी सोच उनके व्यवहार एवं विश्वास में बदलाव लाना है। परिवार के सभी निर्णयों में पुरुषों की सहमति सर्वोपरि होने के चलते सास-बहू सम्मेलन में बेटे का प्रतिभाग किया जाना आवश्यक मानते हुए सूबे के सभी जिलों में सास-बेटा-बहू सम्मेलन कराने का निर्णय लिया गया है। 

नोडल अधिकारी ने बताया कि सास बेटा बहू सम्मेलन में एक वर्ष के दौरान नव विवाहित दंपति, एक वर्ष के अंदर उच्च जोखिम वाली गर्भवती, परिवार नियोजन का कोई साधन नहीं अपनाने वाले दंपति, तीन या उससे ज्यादा बच्चों वाले दंपति, ऐसे आदर्श दंपति जिनका पहला बच्चा विवाह के दो वर्ष बाद हुआ हो दूसरे बच्चे में कम से कम तीन वर्ष का अंतराल हो। आदर्श दंपति सम्मेलन के दौरान अपने अनुभव साझा करेंगे। दो बच्चों के बाद परिवार नियोजन का स्थाई साधन अपनाने वाले और कोई साधन न अपनाने वाले दंपति भी कार्यक्रम के दौरान अपने अनुभव साझा करेंगे।

फैमिली प्लानिंग लॉजिस्टिक मैनेजर उपेंद्र चौहान ने बताया कि सास-बेटा-बहू सम्मेलन में बेटों की भागीदारी अधिक से अधिक हो, इसके लिए प्रयास किया जाएगा। हर सम्मेलन में अधिक से अधिक प्रतिभागी हों, दो-तीन आशा कार्यकर्ता मिलकर सम्मेलन का आयोजन कर सकती हैं। सम्मेलन के पूर्व आशा समुदाय को जागरूक करने कार्य करेंगी।



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