बलिया : फाइलेरिया उन्मूलन अभियान का एमडीए कार्यक्रम 10 फरवरी से

 


वेक्टर बॉर्न के नोडल अधिकारी ने सहयोगी संस्थाओं के साथ की बैठक

बलिया। जिले में 10 फरवरी से 27 फरवरी तक फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन कार्यक्रम शुरू हो रहा है। इस अभियान को सफल बनाने के लिए वेक्टर बॉर्न के नोडल अधिकारी डॉ० अभिषेक मिश्रा के अध्यक्षता में सहयोगी संस्थाओं सीफार, पाथ, पीसीआई के जिला प्रतिनिधियों के साथ जिला मलेरिया अधिकारी के कार्यालय में बैठक की। बैठक में वेक्टर बॉर्न के नोडल अधिकारी डॉ० अभिषेक मिश्रा ने पीसीआई संस्था के जिला समन्वयक संजय सिंह से कहा कि  पीसीआई संस्था के ब्लॉक मोबलाइजेशन कोऑर्डिनेटर प्रतिदिन का प्लान जिला मलेरिया अधिकारी से साझा करें, ताकि कार्यक्रम संबंधित गतिविधियों में दोहराव न हो, साथ ही सभी जिला एवं ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों, एवं स्वयंसेवी संस्थाओं से समन्वय स्थापित करें, पत्राचार द्वारा एवं प्रचार-प्रसार सामग्री द्वारा फाइलेरिया उन्मूलन अभियान (एमडीए) के प्रति जागरूक करें।

सीफार संस्था के जिला समन्वयक आशीष पाण्डेय से कहा कि आवंटित ब्लॉक में पेशेंट नेटवर्क सदस्यों एवं ब्लॉक कोऑर्डिनेटर से ब्लॉक स्तरीय प्रभावी व्यक्तियों, अधिकारियों, कोटेदार, प्रधान आदि को फाइलेरिया उन्मूलन अभियान (एमडीए) के बारे में जागरूक करें, ताकि दवा सेवन की उपलब्धियां बढ़ सके।

जिला मलेरिया अधिकारी सुनील कुमार यादव ने सहयोगी संस्थाओं को फाइलेरिया उन्मूलन अभियान (एमडीए) अभियान के लक्ष्य, रूपरेखा, सहयोग एवं समन्वय और मॉनिटरिंग के प्रति विस्तार से बताया। इसके अलावा उन्होंने कार्यक्रम के सफल संचालन के लिए अन्य विभागों से सहयोग व समन्वय स्थापित करने की अपील भी की।

उन्होंने कहा कि इस अभियान के अन्तर्गत सभी वर्गों के लाभार्थियों को फाइलेरिया से सुरक्षित रखने के लिए डी.ई.सी और एल्बेंडाजोल की निर्धारित खुराक घर-घर जाकर स्वास्थ्य कर्मी अपने सामने खिलाएंगे। दवा का वितरण कतई नहीं किया जाएगा। दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और अति गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों को ये दवाएं नहीं खिलाई जाएगी। साथ ही रक्तचाप, शुगर, आर्थराइटिस या अन्य सामान्य रोगों से ग्रस्त व्यक्तियों को भी यह दवाएं खानी हैं। सामान्य लोगों को इन दवाओं के खाने से किसी भी प्रकार के दुष्प्रभाव नहीं होते हैं। अगर किसी को दवा खाने के बाद उल्टी, चक्कर, खुजली या जी मिचलाने जैसे लक्षण होते हैं तो यह इसका प्रतीक है कि उस व्यक्ति के शरीर में फाइलेरिया के कीटाणु मौजूद हैं, जो कि दवा खाने के बाद कीटाणुओं के मरने से उत्पन्न होते हैं। उन्होंने बताया कि साल में केवल एक बार फाइलेरिया रोधी दवा खाने से फाइलेरिया के संक्रमण से बचा जा सकता है। 

पिछले अभियान की उपलब्धियां :- 

जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया की वर्ष 2021 मे इस अभियान (एम डी ए) में जिले की कुल जनसंख्या 3359474 थी। एम डी ए हेतु लक्षित जनसंख्या 2879845 थी। 22 नवम्बर से 7 दिसंबर 2021 तक एम डी ए अभियान चला। इस अभियान के तहत 2422683 लोगों को फाइलेरिया की दवा खिलाई गयी। माप अप राउंड 13 दिसंबर से 18 दिसंबर 2021 तक चला। मापअप राउंड के दौरान 58215 लोगो की दवा खिलाई गयी। कुल 2480898 लोगो को फाइलेरिया की दवा खिलाई गयी जो लक्षित जनसँख्या का 86.15 प्रतिशत थी।

इस बैठक में पाथ संस्था के आरएनटीडीओ अबू कलीम, पीसीआई संस्था के जिला मोबिलाइजेशन कोऑर्डिनेटर संजय कुमार, सी फार संस्था के जिला समन्वयक आशीष पाण्डेय, सहायक मलेरिया अधिकारी नीलोत्पल कुमार, वरिष्ठ मलेरिया निरीक्षक ताज मोहम्मद, वरिष्ठ मलेरिया निरीक्षक कृष्ण कुमार पाण्डेय, मलेरिया निरीक्षक  सुनील यादव आदि शामिल  थे।



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