*जीवन एक बुलबुला पानी है*



सफलता व असफलता तो आनी जानी है।

इस धरा पर आना ही "जीवन एक बुलबुला पानी" है ।।


असफलता से जिसने कभी हार नही मानी है।

मुस्करा कर जो जीता है, वही सफलता की निशानी है।।


सुख-दुःख तो जीवन की कहानी है।

एक बनी दीया, तो दूजी बनी बाती है।।


लक्ष्य को साध, जो उर में दीप जलाता है।

एक न एक दिन असफलता को अपनी पीठ दिखता है।।


तकदीर और तदबीर जीवन की दो मुख्य चाबियाँ हैं।

इसी से जीवन की शुरू होती कहानियाँ है।।


किस्मत की चाबी तो ऊपरवाला सम्भाले बैठा है।

कर्मों के अनुरूप ही सबके किस्मत का ताला खुलता है।।


स्वरचित ✍️

मानसी मित्तल

शिकारपुर जिला बुलंदशहर उत्तर प्रदेश।



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