बलिया : पुरुष नसबंदी पखवाड़े में 6 पुरुष और 363 महिलाओं ने अपनाई नसबंदी


21 नवम्बर से 11 दिसम्बर 2022 तक चला अभियान 

बलिया, 17 दिसम्बर 2022।मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ० जयन्त कुमार ने बताया कि पुरुष नसबंदी  पखवाड़े (21 नवम्बर से 11 दिसम्बर ) में 6 पुरुष और 363 महिलाओं ने  नसबंदी अपनायी।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि पखवाड़े का आयोजन परिवार नियोजन कार्यक्रम में पुरुषों की भागीदारी बढ़ाने के लिए किया गया था। पुरुषों को नसबंदी के बारे में जागरूक करते हुए यह संदेश देने की कोशिश की गयी कि नसबंदी कराने से किसी तरह की कोई परेशानी नहीं होती है। पखवाड़े के दौरान महिला नसबंदी और परिवार नियोजन के अस्थाई साधनों के बारे में भी जानकारी दी गयी। दो बच्चों के बीच सुरक्षित अंतर रखना मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है।

उन्होंने बताया की किसी महिला को दोबारा मां बनने के लिए कम से कम तीन साल का समय चाहिए होता है। इस अंतराल में मां अपने पहले शिशु की भी अच्छी तरह देखभाल कर पाती है और महिला का शरीर भी दोबारा मां बनने के लिए तैयार हो जाता है। तीन साल से पहले दूसरा बच्चा होने की स्थिति में मां और शिशु के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता है।

परिवार कल्याण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ० सुधीर कुमार तिवारी ने बताया कि पुरुष नसबंदी मामूली शल्य प्रक्रिया है। इसमें सामान्य सा चीरा लगता है  है। इसमें व्यक्ति को उसी दिन अस्पताल से छुट्टी मिल जाती है।

यह महिला नसबंदी की अपेक्षा अधिक सुरक्षित और सरल भी होता है। इसके लिए न्यूनतम संसाधन, बुनियादी ढांचा और न्यूनतम देखभाल की आवश्यकता है। पुरुष नसबंदी को लेकर समाज में कई प्रकार का भ्रम फैला हुआ है। इस भ्रम से पुरुषों को बाहर आना होगा और एक छोटा परिवार एवं सुखी परिवार की अवधारणा को साकार करने के लिए पुरुषों को आगे बढ़कर जिम्मेदारी उठाने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि नसबंदी कराने वाले पुरुष लाभार्थी को ₹ 3000 प्रोत्साहन राशि के रूप में दिया जाता है। साथ ही नसबंदी के लिए प्रोत्साहित करने वाली आशा को 400 रुपये प्रति लाभार्थी दिया जाता है।

उत्तर प्रदेश टेक्निकल सपोर्ट यूनिट के परिवार नियोजन विशेषज्ञ संजीव कुमार ने बताया कि परिवार को सामाजिक एवं आर्थिक मजबूती बढ़ाने के लिए पुरुष आगे आकर अपनी जिम्मेदारी निभाएं तथा परिवार नियोजन अपनाकर नसबंदी कराए। पुरुष नसबंदी के बारे में समाज में जागरूरुकता लाने, परिवार नियोजन में पुरुषों की भागीदारी बढाने एवं पुरुष नसबंदी को स्वीकार करने और प्रेरित करने के लिए इस पखवाड़ा का आयोजन किया गया था।



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