बलिया : फाइलेरिया मरीजों के लिए सरकार ने की उत्कृष्ट पहल


-954 मरीजों को एमएमडीपी किट बांटकर किया लाभान्वित 

-राजेन्द्र प्रसाद और मीरा देवी को है फाइलेरिया (हाथी पाँव), दवा खाने से मिला लाभ 

बलिया, 12 नवम्बर 2022। ब्लॉक बेरूआरबारी अंतर्गत गाँव शिवरामपुर निवासी राजेन्द्र प्रसाद ने बताया की दाएं पैर में फाइलेरिया (हाथी पाँव) का संक्रमण है। यह रोग मुझे चार साल से है। आज से चार साल पहले खेत में काम कर रहा था घर आने पर पैर में तेज खुजली हुई, गाँव के प्राइवेट डॉक्टर से दवा ली खुजली ठीक हुई। लेकिन तीसरे दिन पैर सूजकर मोटा हो गया, डॉक्टर के पास गए सुई, दवाई दिया मगर ठीक नहीं हुआ, अपने नजदीक के सरकारी अस्पताल बांसडीह एवं जिला अस्पताल गया, जाँच करायी तो पता चला की फाइलेरिया है। एक वर्ष बाद हमारी दाई कौड़ी सूज गयी, तेज दर्द, बुखार, जाड़ा लग कर आया और मेरा हाईड्रोसील बढ़ गया, तब से मैं दाहिने पैर और अंडकोस का रोगी हूँ। सीफार संस्था द्वारा बनाया गया जय माँ वैष्णो देवी पेशेंट नेटवर्क के सदस्य लक्ष्मण गुप्ता से मिला तो उन्होंने मुझे बताया की फाइलेरिया के मरीजों के लिए जय माँ वैष्णो देवी पेशेंट नेटवर्क ग्रुप अपने गाँव में कार्य कर रही है। इस पेशेंट ग्रुप से जुड़ने के बाद इस नेटवर्क के बैठक में व्यायाम एवं पैर की सफाई साथ ही एक्सरसाइज भी बताया गया। दवा दी गयी दवा खाने के बाद मुझे आराम मिला और मेरा सूजन भी कुछ कम हुआ। एक्सरसाइज मैं दो बार रोज करता हूं इसको करने से बहुत ही लाभ हुआ एवं समय से मैं दवा भी खाता हूं। अब मैं नए मरीज को ढूंढने एवं सपोर्ट ग्रुप में जोड़ने में अपना योगदान दे रहा हूं। समूह की बैठक में मैं नियमित रूप से भाग लेता हूं तथा  सारे सदस्यों के अनुभव को सुनकर अपना भी दर्द बांटता हूं। जब से मैं सपोर्ट ग्रुप से जुड़ा हूं फाइलेरिया की दवा के नाम पर मेरा एक रुपया भी खर्च नहीं हुआ है। 

ब्लॉक बेरूआरबारी अंतर्गत गाँव शिवरामपुर निवासी ही मीरा देवी ने बताया कि जब मेरा पहला गर्भ धारण हुआ तो उस समय पैर में सूजन हुआ। गांव के कुछ लोगों ने बताया कि बच्चा हो जाने के बाद पैर का सूजन खत्म हो जाएगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ। एक वर्ष बाद हमें जाड़ा लगकर तेज बुखार हुआ और दाहिने पैर में तेज दर्द हुआ। हमने गाँव के ही प्राइवेट डॉक्टर से सुई, दवा करायी तो कुछ दिन में ही दर्द बुखार ठीक हो गया लेकिन पैर का सूजन  ठीक नहीं हुआ। मैं अपना इलाज़ कराने के लिए सरकारी/होमियोपैथिक अस्पताल में गयी तो  लोग बोल रहे थे की यह रोग ठीक होने वाला नहीं है। इसका कोई स्थायी इलाज नहीं है आज से नौ माह पूर्व गांव में काशी बाबा सपोर्ट नेटवर्क के अध्यक्ष वर्तमान में सीफार के एलएफ टीम के ब्लाक कोआर्डिनेटर शिवशंकर ने बताया की गाँव में फाइलेरिया के मरीजों के लिए काशी बाबा सपोर्ट नेटवर्क बना है। जो फाइलेरिया के मरीजों के लिए कार्य करता है। काशी बाबा सपोर्ट नेटवर्क से जुड़ने के बाद बैठक में  मैं जाने लगी। बैठक में मुझे  पैर की सफाई करना, नंगे पैर न रहना, पैर लटका कर न रखना और एक्सरसाइज करने की जानकारी मिली। जो मैं प्रतिदिन सुबह और शाम को करती हूं। और इससे बहुत ही लाभ हुआ है। समूह के माध्यम से सरकारी अस्पताल में जाकर डॉक्टर से दिखाकर दवा का सेवन भी किया। तब से आज तक जाड़ा लगकर बुखार एवं दर्द नहीं आया। ब्यायाम दोनों समय करती हूँ। थोडा सूजन कम होने लगी है दवा भी नियमित रूप से मुझे मिल रही है। इस सपोर्ट ग्रुप का सदस्य बनने से मैं काफी खुश हूं। और सपोर्ट ग्रुप के बारे में मैं लोगों को बताती भी हूँ। जिससे नए मरीजों को भी लाभ मिल सके।

जिला मलेरिया अधिकारी सुनील कुमार यादव ने बताया कि जनपद में अब तक फाइलेरिया के चिन्हित 1400 मरीज हैं। एवं हाइड्रोसील के 275 मरीज हैं। इन मरीजो में 954 एमएमडीपी किट का वितरण हुआ है। 

क्या है फाइलेरिया :- 

फाइलेरिया वेक्टर जनित रोग है। यह मादा क्यूलेक्स मच्छर के काटने होता है। इसे लिम्फोडिमा (हाथी पांव) भी कहा जाता है। यह न सिर्फ व्यक्ति को दिव्यांग बना देती है बल्कि इससे मरीज की मानसिक स्थिति पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है। शुरूआती दिनों में डॉक्टर की सलाह पर दवा का सेवन किया जाए तो इसका परजीवी नष्ट हो जाता है। प्रदेश सरकार के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा एमडीए अभियान चलाया जाता है। इसमें स्वास्थ्य विभाग की टीमें घर-घर जाकर  फाइलेरिया की दवा खिलाती हैं। इसके साथ ही घर के आस-पास व अंदर साफ-सफाई रखने, पानी जमा न होने दें और समय-समय पर कीटनाशक का छिड़काव करने के प्रति भी जागरूक करती हैं।



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