जीवन एक उपहार है कल्पना एक विचार है


कल्पना, विचार है

मस्तिष्क का आहार है

नकारात्मकता, है अवगुण इसका

सकारतकता, उपहार है


कल्पना, उद्देश्य हो यदि

दृढ़ता वा सुकर्म से जुड़ी

जीवन में सफल मंजिल का

यही, प्रवेश द्वार है


साहित्य सृजन में, महत्वपूर्ण है

रचती, खंड काव्य व महाकाव्य  भी

लेख, निबंध, कथा, उपन्यास या

नाटक और सिनेमा, कोई भी व्यापार है


मस्तिष्क की संपदा यह, है खोज भी

और करती नवीन आविष्कार है

ज्ञानी जन मानते, कल्पना है निधि

करे मनुज विकसित इसे, यदि स्वयं से प्यार है


कल्पना, धनी है, गरीबी भी यह

प्रेम, प्रेयसी, मौसम और ऋतु भी

घूंघट, काजल, बिंदिया, झुमके

कजरा, गजरा सजनी का श्रृंगार है


कल्पना स्मृति व यादें है

प्रेमी, युगल के वादे हैं

गरीब को रोटी, लंगोटी है

घर, सोना, चांदी व हीरा मोती है


विद्यार्थी को ज्ञानार्जन, प्रगति

और यह जीवन में सफलता है

भगवन ही जानता हैं सौम्य 

किसको इसका वास्तविक फल मिलता है


सौम्या पांडेय (कवित्री)✍️




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