शब्दों को कैसे सजा दिया !!


बड़ी ही खुबसूरती से शब्दों को सजाया !!

लफ्ज कुछ और थे मतलब कुछ और बनाया !!


घमंड बहुत हैं उसे आत्म सम्मान का नाम दिया !!

लालच को अपनी जरुरत बता दिया !!


दिखावे को और भी खुबसूरती से सजा दिया !!

गर्व हैं हमे ऐसे बता दिया !!


धोखा दिया और खुद सही साबित कर दिया !!

मजबूरियों के जामा पहना दिया !!


गवन को भी बहुत सुन्दर रुप दिया !!

हक हैं मेरा ऐसे बता दिया !!


हवस को तो सबसे पवित्र रंग से सजा दिया !!

खुद को कृष्ण और राधा का मिलन बता दिया !!


कैसे शब्दों को रंग बिरंगे रंगों से सजा दिया !!

अल्फ़ाज़ कुछ और थे अर्थ अलग समझा दिया !!


लेखिका ✍️

मीना सिंह राठौर

नोएडा, उत्तर प्रदेश। 



Comments