कालाजार को दूर भगाने में जिला बलिया के बढ़ते कदम, प्रभावित ब्लॉकों में हो रहा है आईआरएस का छिड़काव


-वर्तमान में जनपद के तीन ब्लाकों रेवती, कोटवा और हनुमानगंज में हो रहा है छिड़काव का कार्य 

-आईआरएस का छिड़काव पूजा घर रसोईघर के साथ ही सभी कमरों की दीवारों पर छह फीट की ऊंचाई तक अवश्य करायें 

बलिया, 9 सितम्बर  2022। जनपद में कालाजार उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत संक्रामक रोग कालाजार को दूर भगाने के लिए जिले में कालाजार रोधी सिंथेटिक पायराथ्राईड का छिडकाव 6 सिंतबर से किया जा रहा है। जिससे इस कार्यक्रम के तहत कालाजार को दूर भगाने के लिए ग्रामीण इलाकों के मिट्टी के घरों में पनपने वाली बालू मक्खी को खत्म किया जा सके। यह कहना है जिला मलेरिया अधिकारी सुनील कुमार यादव का। 


डीएमओ ने बताया कि जनपद में जनवरी 2022 से अब तक कालाजार के 13 रोगी पाए गये हैं। जिसमें चार वीएल (बुखार वाला कालाजार के) और नौ पीकेडीएल (चमड़े वाला कालाजार) के मरीज हैं। कालाजार एक जानलेवा रोग है जो कि बालू मक्खी के काटने से फैलता है और अक्सर यह ग्रामीण क्षेत्रों में मकान के दरारों में पायी जाती है। इससे बचाव के लिए घर के आसपास साफ़-सफाई का ध्यान रखकर एवं मच्छरदानी का प्रयोग कर इस रोग से बचा जा सकता है। 


उन्होने बताया कि किसी व्यक्ति को 15 दिन से अधिक बुखार का आना, भूख नहीं लगना,  खून की कमी, वजन घटना, रोगी की त्वचा का रंग काला होना आदि कालाजार के लक्षण हो सकते हैं। वहीं इसका सबसे मुख्य लक्षण त्वचा पर धब्बा बनना है। यदि किसी व्यक्ति में उपयुक्त लक्षण हों तो तत्काल अपने नजदीक के प्रा० स्वा० केन्द्र पर जांच करायें तथा जिला चिकित्सालय पर इसका इलाज नि:शुल्क किया जा रहा है। छिड़काव का कार्य कालाजार प्रभावित 11 ब्लॉकों के 45 ग्रामों में होना है। इस कार्य हेतु 13 स्क्वायड टीमें लगायी गयी हैं। वर्तमान में छिडकाव का कार्य जनपद के तीन ब्लॉकों में किया जा रहा है। यह ब्लॉक हैं क्रमशः रेवती, कोटवा और हनुमानगंज। 


उन्होंने बताया कि यह बीमारी एक बार ठीक होने पर लापरवाही न करें क्योंकि यह बीमारी एक बार ठीक होने पर दोबारा से शुरू हो सकती है इसलिए चिकित्सक की सलाह बेहद जरूरी है। 


जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि प्राय: देखा जाता है कि आईआरएस छिड़काव का कार्य अधिकतर लोग पूजा घरों और रसोई घरों में नहीं कराते हैं। जिससे कि बालू मक्खी की बचे रहने की संभावना बनी रहती है उन्होंने स्लोगन के द्वारा बताया कि "कोई कमरा छूटा, सुरक्षा चक्र टूटा "उन्होंने जनपदवासियों से अपील की है कि आईआरएस का छिड़काव पूजा घर रसोई घर के साथ ही सभी कमरों की सभी दीवारों पर छह फीट की ऊंचाई तक अवश्य करवाएं।



Comments