चाणक्य नीति : भाग्य के भरोसे बैठा हुआ व्यक्ति मुर्ख होता है, चाणक्य से जानिए कुछ ऐसी ही महत्वपूर्ण बातें


चाणक्य नीति विश्व के प्रमुख ग्रंथों में गिना जाता है। इसका अध्ययन या श्रवण करने से व्यक्ति न केवल विषम परिस्थितियों में बुद्धिमानी से काम लेता है। बल्कि ऐसा करने से उसका समाज में भी ऊंचा हो जाता है।

आचार्य चाणक्य की गणना विश्व के श्रेष्ठतम विद्वानों में की जाती है। उन्होंने विभिन्न विषयों में पारंगत हासिल की थी और इन्हीं विषयों पर कई ग्रंथों की रचना की। चाणक्य नीति उसी का एक प्रमुख भाग है। जिसे आज भी विश्व में ख्याति प्राप्त है। चाणक्य नीति में यह बताया गया है कि मनुष्य किस तरह विभिन्न प्रकार की परेशानियों का समाधान निकाल सकता है। साथ ही यह भी बताया गया है कि उसे किन-किन परिस्थितियों में सावधान रहना चाहिए और उनसे निपटने के लिए क्या करना चाहिए।

आचार्य चाणक्य ने यह भी बताया है कि विद्या मनुष्य का सबसे बड़ी उपलब्धि है। लेकिन इससे भी बड़ा खजाना अच्छा मनुष्य बनना है। व्यवहार में कुशल और बुद्धिमान व्यक्ति की हर क्षेत्र में जय-जयकार होती है। आइए चाणक्य नीति से जानते हैं एक अच्छे मनुष्य में क्या-क्या गुण होते हैं-व्यक्ति को इन बातों का रखना चाहिए सदैव ध्यान

विद्या ददाति विनयं विनयाद् याति पात्रताम् ।

पात्रत्वात् धनमाप्नोति धनात् धर्मं ततः सुखम् ।।

चाणक्य नीति के इस श्लोक में यह बताया गया है कि विद्या हमें सदा विनम्रता प्रदान करती है। विनम्रता से ही योग्यता की प्राप्ति होती है और योग्यता हमें धन अर्जित करने में मदद करता है। धन से धर्म के कार्यों को करने से ही सुख की प्राप्ति होती है। इसलिए व्यक्ति को विद्या अवश्य ग्रहण करनी चाहिए। यही उसका सबसे पहला कर्तव्य होता है। विद्या अर्जित करने के बाद उसके पास अपने आप ही सभी प्रकार की सुख-सुविधाएं आती चले जाएंगी।

मूढ़ैः प्रकल्पितं दैवं तत परास्ते क्षयं गताः ।

प्राज्ञास्तु पौरुषार्थेन पदमुत्तमतां गताः ।।

इस श्लोक में आचार्य चाणक्य ने जीवन के महत्वपूर्ण गुण को समझाया है। आचार्य ने बताया है कि भाग्य की कल्पना मूर्ख व्यक्ति करता है। बुद्धिमान व ज्ञानी लोग अपने पुरुषार्थ, कर्म और परिश्रम के द्वारा सभी उत्तम पदों को प्राप्त कर लेते हैं। इसलिए व्यक्ति को कभी भी भाग्य के भरोसे नहीं बैठना चाहिए। बल्कि उसे अपना काम परिश्रम और लगन के साथ करना चाहिए। फिर सफलता उसके पास अपने आप ही चले आएगी।

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