पि‍तृ दोष : अगर आपके साथ हो रही ये घटनाएं तो समझें आपके पूर्वज हैं नाराज, जानें ऐसे में क्या करें!


पि‍तृ दोष : पि‍तृ पक्ष में पूर्वजों की आत्मा की शांत‍ि और उनका आशीर्वाद पाने के लि‍ए हम तर्पण करते हैं लेकि‍न कई बार ऐसा होता है क‍ि आपके श्राद्ध संस्कार का फल आपको मिलता नहीं..इसके लिए कुछ उपाय बताए गए हैं....

पि‍तृ दोष : धर्म शास्त्रों में कहा गया है कि अगर आपके पुरखे नाराज हैं तो इसका असर आपके जीवन पर पड़ता है. इंसान का जीवन कष्टकारी होने लगता है. काम-धंधे में परेशानी के साथ दांपत्य जीवन में भी तनाव पैदा हो जाता है. इस रिपोर्ट के जरिए जानते हैं कि ऐसे कौन से संकेत हैं जो ये बताते हैं कि मृत पूर्वज नाराज चल रहे हैं. 

पीपल का पेड़ घर में उगना होता है अशुभ

वास्तु और हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार, घर में पीपल का उगना अशुभ माना जाता है. अगर किसी के घर के आसपास या घर में बार-बार पीपल का पेड़ उगता है तो इस पितृ दोष की निशानी माना जाता है. अगर आपके यहां पर ऐसा होता है तो ये इस बात का इशारा है कि आपके मृत पूर्वज यानी पितर देव आपसे नाराज चल रहे हैं.

इसके लिए आपको कुछ उपाय करने हैं जैसे कि पीपल का पेड़ उग जाता है तो आप उसको जड़ समेत उखाड़ कर किसी नदी में बहा दें. पितरों की नाराजगी दूर करने के लिए अमावस्या के दिन गरीबों को दान करें. गरीब बच्चों को सफेद कपड़े दान में दें, अगर आप ऐसा करेंगे तो आपके पुरखे खुश हो जाएंगे और आपको उनका आशीर्वाद मिलेगा. आपको पितर दोष से मुक्ति मिल जाएगी.

किसी काम के बारे में बहुत अधिक सोचना

अगर कोई व्यक्ति किसी भी काम के बारे में बहुत ज्यादा सोचता रहता है या उसको लगता है कि वो कहीं पर फंसता जा रहा है तो ये भी अच्छा संदेश नहीं है. धर्म शास्त्रों में ऐसा कहा गया है कि इसके पीछे पितर दोष हो सकता है. ऐसी स्थिति चंद्रमा के बिगड़ने से भी बनती है. नियमित दिनचर्या का ठीक ढंग से पालन न होने पर कुंडली का चंद्रमा दूषित हो जाता है. ऐसे में नियमित शिवलिंग पर जल अर्पित करने के लिए कहा जाता है. ऐसा करने से पितरों का गुस्सा शांत हो जाता है. आपका जीवन सुखमय हो जाएगा.

क्या होता है पितृ दोष ?

पितृ दोष पितरों के रुष्ट होने पर बनता है. यह दोष एक तरफ कुंडली के सारे राजयोग, दूसरी तरफ फिर भी पितृदोष ही भारी पड़ता है. यदि आपकी कुंडली में पितृ दोष है तो इस समय सभी काम छोड़कर केवल पितरों को प्रसन्न करने में जुट जाना चाहिए.

Disclaimer : यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं-धार्मिक जानकारियों और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है. 



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