ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत बुंदेलखंड में स्वयं सहायता समूह ने पेश की अभिनव मिशाल


-स्वयं सहायता समूहों द्वारा बुंदेलखंड में प्रतिदिन संग्रह किया जा रहा है 1.22 लाख लीटर दूध।

-बुंदेलखंड में दुग्ध संग्रहण महिलाओं की आमदनी का बना बेहतर जरिया।

-महिला सशक्तीकरण की दिशा में उत्कृष्ट उल्लेखनीय प्रयास।

-महिलाओं की मेहनत ला रही है रंग।

-स्वयं सहायता समूह ने अर्जित किया रू 13.34 करोड़ का लाभांश : श्री केशव प्रसाद मौर्य                        

लखनऊ: 01अगस्त 2022। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य ने बताया कि उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गठित स्वयं सहायता समूहों द्वारा पूरे प्रदेश में विभिन्न गतिविधियों में  प्रतिभाग कर जहां अपने स्वावलंबन व आत्मनिर्भरता का मार्ग प्रशस्त किया जा रहा है, वहीं सरकार द्वारा संचालित विभिन्न जनकल्याणकारी, ग्रामोन्मुखी व विकासोन्मुखी योजनाओं व कार्यक्रमों को अमलीजामा भी पहनाया जा रहा है। इसी कड़ी में बुंदेलखंड में महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा मिल्क संग्रहण कर  महिला सशक्तीकरण की दिशा में बहुत ही सराहनीय, उल्लेखनीय व उत्कृष्ट कार्य किये जा रहे हैं। स्वयं सहायता समूहों द्वारा बुन्देलखण्ड में प्रतिदिन 1.22 लाख लीटर दूध का संग्रहण किया जा रहा है जो अपने आप में एक मिशाल है। बुंदेलखंड में दुग्ध संग्रहण महिलाओं की आमदनी का बेहतर जरिया बना है और महिलाओं की मेहनत रंग ला रही है।

ग्राम्य विकास विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार बुन्देलखण्ड क्षेत्र में डेयरी वेल्यू चैन (दुग्ध मूल्य श्रंखला) : बुन्देलखण्ड क्षेत्र में दुग्ध बेचने हेतु महिलाओ की प्रोडयूसर कम्पनी का गठन किया गया है।  इस योजना का क्रियान्वयन एन०डी०डी०बी० डेयरी सर्विसेज के सहयोग से बुन्देलखण्ड के 05 जनपदों (चित्रकूट, झांसी, बांदा, हमीरपुर एवं जालौन) में किया जा रहा है। इस परियोजना का मुख्यालय जनपद झांसी है एवं बुन्देलखंड के इन्टेन्सिव जनपदों के 651 ग्रामों में एन0डी0एस0 के सहयोग से डेयरी परियोजना के अन्तर्गत 3600 स्वयं सहायता समूहों की 48000 महिलाओं को 'बालिनी मिल्क प्रोड्यूसर कम्पनी' वेल्यू चेन के रूप में विभिन्न चरणों में संगठित किया जाना है, जिसके सापेक्ष 'बालिनी मिल्क प्रोड्यूसर कम्पनी' वेल्यू चेन के रूप में अब तक 5 जनपदों के 651 ग्रामो से 33000 शेयर होल्डर्स है। वर्तमान में प्रतिदिन 1.22 लाख लीटर दुग्ध का संग्रह किया जा रहा है। अभी तक कुल रू0 245 करोड़ का भुगतान करते हुए 13.34 करोड़ का लाभांश अर्जित किया गया है। कार्यक्रम की सफलता के दृष्टिगत जनपद महोबा एवं ललितपुरकी सम्मिलित करते हुए बुंदेलखंड क्षेत्र के नए 350 ग्रामो को भी सम्मिलित किया जायेगा। इसकी सफलता के दृष्टिगत पूर्वांचल क्षेत्र के 5 जनपदों गाजीपुर, सोनभद्र, बलिया, मिर्ज़ापुर एवं चंदौली में  इसी तर्ज पर काशी दुग्ध उत्पादक कंपनी का गठन किया जा चुका है।

काशी मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी : जनपद बलिया, मिर्ज़ापुर, सोनभद्र, गाजीपुर एवं चंदौली के 700 ग्रामों में दुग्ध वैल्यू चैन परियोजना स्वीकृत  की गयी है, जिसके तहत दुग्ध का संग्रह करते हुए उसकी प्रसंस्करण करते हुए बिक्री  की जायेगी। इस योजना मे 3 वर्ष में 35000 दुग्ध उत्पादकों को जोड़ा जाना है। इस हेतु 42.23 करोड़ रु. का बजट प्राविधान किया गया है। वर्तमान में कंपनी के 1700 महिला सदस्य बन चुके हैं एवं 50 गाँव में दुग्ध संग्रहण का कार्य किया जा रहा है, प्रतिदिन लगभग 4500 लीटर दुग्ध संग्रहण किया जा रहा है।

बी एल यादव

सूचना अधिकारी।  





Post a Comment

0 Comments