“दुनिया"


एक दौर आएगा कल नहीं सही तो कुछ देर आएगा, 

एक दौर आएगा कल नहीं सही तो कुछ देर आएगा।

लोग जमाने के जो आज लगते अफ़साने से है,

अफ़सोस ही होगा उनको मुझसे दूर तलक जाने से।

बाते ये मीठी नहीं थोड़ी सी कड़वी है,

आपकी भी लगती है पर बताता नहीं हूं,

दर्द-ए-दिल बहुत है पर जताता नहीं हूं,

चाहत तो बहुत है पर चाहने से कुछ होता नहीं है,

जब मुश्किलों में होता हूं, तो साथ कोई होता नहीं है।

ये दुनिया है साहब, ये दुनिया है साहब।

इस दुनिया में लाने वाले के सिवा, अपना कोई और होता ही नहीं है...

राहुल वर्मा✍️

बलिया (उ.प्र.) 



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