चाणक्य नीति : काम में पाना चाहते हैं सफलता तो ध्यान रखें ये 4 बातें


आज के विचार में आचार्य चाणक्य ने बताया है कि सफल व्यक्ति बनने के लिए आप किन बातों को ध्यान में रखें।

आचार्य चाणक्य ने नीतिशास्त्र में मनुष्य के जीवन के पहलुओं को बेहद ही गहराई से समझाया है। यही वजह है कि चाणक्य की नीतियां आज भी प्रासंगिक हैं। अगर व्यक्ति आचार्य चाणक्य की बातों को अपने जीवन में अपना लें तो समस्याओं का समाधान आसानी से निकाल सकता है। आचार्य चाणक्य के इन्हीं विचारों में से आज हम एक और विचार का विश्लेषण करेंगे। आज के विचार में आचार्य चाणक्य ने बताया है कि सफल व्यक्ति बनने के लिए किन बातों को ध्यान में रखें। 

श्लोक :

आलस्योपहता विद्या परहस्तं गतं धनम्। 

अल्पबीजहतं क्षेत्रं हतं सैन्यमनायकम्॥

आलस्य से विद्या नष्ट हो जाती है। दूसरे के हाथ में धन जाने से धन नष्ट हो जाता है। कम बीज से खेत तथा बिना सेनापति वाली सेना नष्ट हो जाती है - आचार्य चाणक्य

आचार्य चाणक्य के इस कथन के अनुसार, कभी भी किसी व्यक्ति को आलस्य नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से आपको ही नुकसान होगा जिसकी वजह से आप अपने लक्ष्य को कभी भी प्राप्त नहीं कर पाएंगे। इतना ही नहीं आलस्य करने से व्यक्ति कभी भी अपने जीवन में सफल नहीं हो पाता है और उसके स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ता है। इसलिए हर व्यक्ति को आलस्य तयाग देनी चाहिए। 

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि धन ही सबकुछ नहीं होता है लेकिन इसके द्वारा आप अधिकतर चीजों को आसानी से पा सकते हैं। अगर आपके पास अधिक धन हैं तो समाज से आपको सम्मान मिलने के साथ खुशहाल भरी जिंदगी जी सकते हैं। लेकिन जब आप अपने धन को किसी दूसरे व्यक्ति के हवाले कर देते हैं तो आपका जीना दूभर हो सकता है। क्योंकि वह व्यक्ति अपने अनुसार उस धन को खर्च करेगा, जिसके कारण आपका धन धीरे-धीरे नष्ट हो जाएगा। 

आचार्य चाणक्य के अनुसार जिस तरह से अगर किसी खेत में कम बीजों को डाला जाए और उम्मीद की जाए की आने वाली फसल से ज्यादा मिले तो ऐसा संभव नहीं है। क्योंकि आपके द्वारा बोए गए बीज के अनुसार ही आपको फल मिलेगा। इसलिए व्यक्ति को हमेशा अधिक मेहनत करना चाहिए, जिससे आने वाले समय में उसे सफलता भी बड़ी मिलेगी। 

डिस्क्लेमर - ये आर्टिकल जन सामान्य सूचनाओं और लोकोक्तियों पर आधारित है।



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