चाणक्य नीति : इन 3 चीजों पर टिका होता है पति-पत्नी का रिश्ता, जरा सी चूक से बिखर जाता है घर


आचार्य चाणक्य ने भी दांपत्य जीवन को बेहतर बनाने के गुर बताए हैं. चाणक्य की नीतियां अपनाई जाएं तो पति-पत्नी में आपसी प्रेम बना रहेगा, रिश्ते में दरार नहीं आएगी.

सुखी वैवाहिक जीवन गाड़ी के दो पहियों के समान हो जाता है. अगर दोनों पहिए सही हो तभी गाड़ी आगे बढ़ती है. उसी तरह पति -पत्नी के रिश्ते को मजबूत बनाने के लिए दोनों का योगदान बहुत जरूरी है. आचार्य चाणक्य ने भी दांपत्य जीवन को बेहतर बनाने के गुर बताए हैं. अगर चाणक्य की नीतियां अपनाई जाएं तो वैवाहिक जीवन में मुश्किलें नहीं आएंगी और पति-पत्नी में आपसी प्रेम बना रहेगा, रिश्ते में दरार नहीं आएगी.

विश्वास-सम्मान : चाणक्य कहते हैं कि विश्वास और सम्मान दांपत्य जीवन की नींव होते हैं. पति-पत्नी का रिश्ता विश्वास के बल पर मजबूत होता है. सुखी जीवन के लिए एक दूसरे के विचारों का सम्मान करें. एक दूसरे की बात से सहमत न हो, या कोई बात बुरी लगी हो तो नीचा दिखाने की बजाय बैठकर मामले को सुलझाएं क्योंकि बात करने से एक दूसरे की धारणा पर गौर किया जा सकता है. बातों से बड़े से बड़े हल निकल जाते हैं. वैवाहिक जीवन में स्त्री हो या पुरुष दोनों सम्मान के हकदार होते हैं. याद रखें सम्मान देने पर ही सम्मान मिलता है.

समर्पण-प्यार : शादीशुदा जिंदगी में प्यार होने बहुत जरूरी है. प्रेम रिश्तों की कड़ी को जोड़े रखता है. पति-पत्नी एक दूसरे के प्रति जितना समर्पित होंगे रिश्तों में कड़वाहट उतनी ही कम होती जाएगी. अपने पार्टनर से कभी प्यार का दिखावा न करें. प्यार की बदौलत ही दांपत्य जीवन की डोर बंधी रहती हैं. वहीं समर्पण से तात्पर्य है अपने जीवनसाथी के प्रति ईमानदारी. आपका एक झूठ रिश्ते में दरार ला सकता है.

समय : पति-पत्नी के रिश्तों में मिठास तभी आती है जब वो एक दूसरे को समय दे पाएं. साथ समय बिताने से प्यार भी बढ़ता है और एक दूसरे को समझने का मौका मिलता है. चाहे कितनी ही व्यस्तता क्यों न हो जीवनसाथी के लिए समय जरूर निकालें. अगर चाहते हैं शादीशुदा जिंदगी में किसी तरह के मतभेद पैदा ना हो तो एक दूसरे के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताएं.

Disclaimer : यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.



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